दुर्ग भिलाई (छ.ग.)। मोतियाबिंद ऑपरेशन कांड दवाइयों की जांच में उलझकर रह गया है। 15 में से 10 रिपोर्ट कोलकाता लैब से आ चुकी हैं। इसमें से तीन सैंपल फेल मिले हैं। ड्रग डिपार्टमेंट के अफसरों ने साफ किया कि इसमें से किसी भी दवाई या इंजेक्शन से इंफेक्शन नहीं फैला है। दूसरी ओर अंधत्व निवारण विभाग के अधिकारियों को एमबी डेक्सा नामक इंजेक्शन की रिपोर्ट का इंतजार है। उनका कहना है कि इस इंजेक्शन के चार नमूने वेल्लूर, राजनांदगांव मेडिकल कॉलेज व दो अन्य लैब में भेजे गए थे, जहां सैंपल फेल करार दिया गया। इसी इंजेक्शन में स्यूडोमोनास नामक बैक्टीरिया के अंश पाए गए हैं जिससे लोगों की आंखों की रोशनी चली गई थी।
अभी तक जिन लैब में इसकी जांच कराई गई, वहां सैंपल को फेल किया गया। लेकिन कानूनी पेचीदगी से वे इन लैब की रिपोर्ट को न्यायालय में पेश नहीं कर सकते। चूंकि कोलकाता में सेंट्रल लैब है, यहां से आई रिपोर्ट केस को और मजबूत कर देगी। इसलिए अफसर इसका बेसब्री से इंतजार कर रहे हंै। लेकिन ड्रग डिपार्टमेंट के अफसरों का तर्क ऐसा बिलकुल नहीं है। दूसरी ओर रायपुर में भेजे गए सभी 7 दवाइयों के सैंपल जांच में पास हो चुके हैं। इस बारे में अंधत्व निवारण के स्टेट नोडल डॉ. सुभाष मिश्रा ने कुछ दवाइयों की रिपोर्ट आई है, लेकिन हमें एमबी डेक्सा इंजेक्शन की रिपोर्ट का इंतजार है। क्योंकि चार लैब में टेस्टिंग के बाद इसके सैंपल को फेल कर दिया गया है। कोलकाता लैब की रिपोर्ट केस को और पुख्ता करेगी।