श्रीगंगानगर। पुलिस विभाग की ओर से चलाए गए नशा मुक्ति अभियान के तहत लगातार हुई कार्रवाई में पिछले आठ माह में पांच लाख से अधिक नशे की गोलियां जब्त की गई हैं। पाकिस्तान से लगती अंतरराष्ट्रीय सीमा और पंजाब की सीमा से सटे इस जिले में नशे के कारोबार ने अपनी जड़ें फैला ली थी। पिछले कुछ सालों में हेरोइन, अफीम और स्मैक जैसे महंगे नशे की जगह सस्ती नशीली गोलियों व सीरप, पोस्त आदि ने ले ली। नशा पकडऩे में औषधि नियंत्रक विभाग व पुलिस की संयुक्त कार्रवाई में बिना लाइसेंस के मिलने पर ही कार्रवाई की जा रही थी। इसके चलते इस पर प्रभावी रोक नहीं लगा पा रही थी। ट्रॉमाडोल गोली को एनडीपीएस घटक में शामिल कर लिए जाने पर जिले में नशे की गोलियों और तस्करों की धरपकड़ में काफी तेजी आई और नशे की लाखों गोलियां व अन्य मादक पदार्थ जब्त किए गए। इसके चलते एक साल में पांच लाख से अधिक नशे की गोलियां युवाओं के तक पहुंचने से बचा ली गई।
ड्रग कंट्रोल विभाग के इंस्पेक्टर पंकज जोशी का कहना है कि ट्रॉमाडोल गोली को एनडीपीएस घटक में शामिल करने व पुलिस की ओर से चलाए गए नशा मुक्ति अभियान के तहत अच्छी कार्रवाई हुई है। नशे की गोलियों से नशा करने वालों पर प्रभावी रोक लगी है। ऐसी कार्रवाई और धरपकड़ आगे भी जारी रहे तो आने वाले समय में जिले को फायदा मिलेगा। पुलिस अधीक्षक श्रीगंगानगर योगेश यादव का कहना है कि मेडिकेटेड नशा पूरे परिवार को बर्बाद कर देता है। पुलिस की ओर से इस नशे की रोकथाम के लिए जिले में विशेष अभियान चलाया जा रहा है। पुलिस लगातार ऐसे लोगों पर कार्रवाई कर रही है। नशे की रोकथाम को प्राथमिकता में शामिल किया गया है। लोगों को इससे जोड़ा गया है। आगे भी यह मुहिम जारी रहेगी।