बद्दी (हप्र)। देश में मिलने वाली हर तीसरी दवा का निर्माण हिमाचल प्रदेश में किया जाता है। प्रदेश में फार्मा सेक्टर का टर्नओवर 40 हजार करोड़ रुपये जबकि कॉस्मेटिक सात हजार करोड़ रुपये है। यहां करीब 705 दवा उद्योग हैं। राज्य दवा नियंत्रक नवनीत मरवाह ने बताया कि बद्दी में हिमाचल दवा निर्माता उद्योग संघ (एचडीएमए) और लघु उद्योग भारती की ओर से सरकार के सहयोग से एक कार्यशाला आयोजित की गई। इसमें दवा क्षेत्र में बदलावों और गुणवत्ता पर डेढ़ हजार कंपनियों ने मंथन किया। डिप्टी ड्रग कंट्रोलर मुनीष कपूर ने पूरे प्रदेश से आए 1500 दवा कंपनी प्रतिनिधियों को उद्योग स्थापित करने से लेकर दवा उत्पादों के पंजीकरण व लाइसेंस की जानकारी दी। शिविर में दवा उत्पादकों को मंजूरी लेने, ऑनलाइन आवेदन करने, सुगम डाटा अपलोडिंग व सुरक्षा संबंधी कई तकनीकी पहलुओं से अवगत करवाया गया। डीडीसीआई आर चंद्रशेखर, बीके सामंतरे व सीडीएससीओ की एडीसी श्रद्धा श्रीवास्तव ने भी विनिर्माण रसायनज्ञ, विश्लेषणात्मक रसायनज्ञ व गुणवत्ता प्रभारियों को कई प्रकार की दिशा-निर्देश दिए। इस अवसर पर एचडीएमए के प्रदेशाध्यक्ष राजेश गुप्ता, मुख्य सलाहकार सतीश सिंघल, उपाध्यक्ष मनोज अग्रवाल, महामंत्री मनीष ठाकुर, कोषाध्यक्ष संजय शर्मा, लघु उद्योग भारती के प्रांत अध्यक्ष राजीव कंसल, एलयूवी फार्मा विंग के प्रदेश संयोजक चिरंजीव ठाकुर, देवेंद्र राणा, एडीसी गरिमा शर्मा, निशांत सरीन, सन्नी कौशल, कमलेश नायक, कपिल धीमान आदि मौजूद रहे।