नई दिल्ली। केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय के अधीन आने वाले इंस्टीट्यूट ऑफ होटल मैनेजमेंट कैटरिंग एंड न्यूट्रिशन (पूसा- दिल्ली) ने कुछ महीने पहले अपनी रिसर्च में मोमोज को लेकर चौंकाने वाला खुलासा किया था। रिसर्च में सामने आया कि स्ट्रीट फूड में मोमोज सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाने वाले होते हैं। इसकी क्वालिटी और साथ में मिलने वाली लाल तीखी चटनी इंसान को बीमार कर सकती है। इसमें जरूरत से ज्यादा फीकल मैटर (अनहाइजैनिक तरीके से पानी या फूड के जरिए शरीर में जाने वाली गंदगी) पाया जाता है। जो शरीर को नुकसान पहुंचाता है। यह रिसर्च दिल्ली में बिकने वाले स्ट्रीट फूड को लेकर की गई थी। मोमोज के अलावा इन स्ट्रीट फूड में पानी पूरी, समोसा, कचोरी भी शामिल है। बता दें कि मोमोज बनाने के लिए ब्लीचिंग मैदा का यूज किया जाता है। साथ ही, इसमें कई कैमिकल्स का भी यूज होता है। मोमोज में मोनोसोडियम ग्लूटामेट होता है। ये इंसान की हड्डियों को कमजोर बनाता है। इससे नर्वस डिसऑर्डर की प्रॉब्लम भी हो सकती है। इसे बनाने में यूज होने वाली पत्तागोभी को ठीक से नहीं पकाया जाता। वहीं, इसकी चटनी इतनी ज्यादा तीखी होती है कि पाइल्स की बीमारी भी हो सकती है। ऐसे में इनमें बैसिलस सेरस, क्लॉस्ट्रिडियम परफ्रिंगेंस, स्टेफिलोकोकस ऑरियस और साल्मोनेला कीटाणु आ जाते हैं। ये सब मिलकर मोमोज खाने वाले इंसान के शरीर में कई बीमारियां पैदा करते हैं। इस बारे में गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज विदिशा के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉक्टर नीरज जैन के मुताबिक स्ट्रीट फूड ( फ्राइड मोमोज, समोसा, कचौड़ी) या दूसरे फ्राइड फिलिंग आइटम एक ड्यूरेशन के बाद डिग्रेड होना शुरू हो जाते हैं। जिसके बाद उसमें बैक्टीरिया बनने लगते हैं। तेलीय पदार्थ अधिकतम 6 से 8 घंटे के बाद खराब होना शुरू हो जाते हैं। यदि उसे फ्रिज में रखा गया है तब ये ड्यूरेशन 12 घंटे तक हो सकती है। ऐसे में जब ये खाना इस ड्यूरेशन के बाद खाया जाएगा तब पेट में ऐंठन, टाइफाइड, उल्टी, दस्त, एसिडिटी, डिसेंट्री जैसी बीमारियां हो सकती हैं। स्ट्रीट फूड में कई बार खराब पानी का इस्तेमाल किया जाता है। खराब पानी बॉडी में जाने से टाइफाइड जैसी खतरनाक बीमारी आपको हो सकती है। इससे डिसेंट्री (शौच में खून आने लगता है) आने की प्रॉब्लम भी खाने वालों को कई बार हो जाती है। इसके अलावा भी फूड इंफेक्शन से जुड़ी प्रॉब्लम का आप शिकार हो सकते हैं। इन सबके अलावा ये फास्ट फूड पीलिया, आंत से जुड़ी बीमारी सहित कई बीमारियों का कारण भी बनते हैं।