हरिद्वार। रिलीफ बायोटेक फार्मा कंपनी पर रेड के दौरान मजदूर दवाइयां बनाते हुए पाए गए। केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन की टीम ने दवा उत्पादन पर रोक लगा दी है। वहीं, लाइसेंस कैसिल करने की कवायद भी शुरू कर दी है।
बता दें कि केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन की टीम ने मंगलौर स्थित रिलीफ बायोटेक प्राइवेट लिमिटेड कंपनी में छापा मारा। ड्रग इंस्पेक्टर के नेतृत्व में जांच के दौरान टेक्नीशियन की जगह मजदूर दवा बनाते हुए मिले। इसके अलावा कच्चा माल और जहां तैयार दवा रखी हुई थी, वहां पर गंदगी भी पाई गई।
यह है मामला
ड्रग विभाग और केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन की टीम ने संयुक्त रूप से एक दवा कंपनी पर रेड की। इस दौरान टीम को दवा निर्माण का काम टेक्नीशियन की जगह मजदूर करते मिले। इसके अलावा कंपनी में दवा बनाने और रखने वाले स्थान पर गंदगी मिलने समेत तमाम बड़ी खामियां मिलीं। इस पर टीम ने दवा उत्पादन पर रोक लगा दी। वहीं, विभाग को इस कंपनी का लाइसेंस कैंसिल करने की सिफारिश रिपोर्ट भी भेजी है।
रिलीफ बायोटेक में की छापामारी
गौरतलब है कि दवा की गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए सरकार ने ड्रग विभाग और केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन की टीम को फार्मा कंपनियों का निरीक्षण करने के निर्देश दे रखे हैं। निर्देशों में कहा गया है कि कमियां पाए जाने पर उचित कार्रवाई भी की जाए। इसी क्रम में हरिद्वार ड्रग इंस्पेक्टर अनिता भारती के नेतृत्व में केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन की टीम ने मखियाली पीरपुरा रोड, रुडक़ी बाईपास दिल्ली रोड, मंगलौर स्थित रिलीफ बायोटेक प्राइवेट लिमिटेड कंपनी में छापा मारा।
मौके से कई खामियां मिलीं
टीम ने कंपनी में लैब, कच्चा माल, पानी की व्यवस्था, कर्मचारियों की वर्दी आदि को जांचा। इस दौरान टेक्नीशियन की जगह मजदूर दवा बनाते हुए मिले। कच्चा माल और तैयार दवाओं वाली जगह पर गंदगी भी पाई गई। इसके अलावा, बिना वाटर प्यूरीफायर के सादे पानी से दवा तैयार होती मिली। दवा निर्माण में लगे मजदूरों ने नियमानुसार वर्दी भी नहीं पहन रखी थी। टीम को मौके से और भी कई खामियां मिलीं। इस पर टीम ने तत्काल प्रभाव से दवा उत्पादन पर रोक लगा दी। कंपनी का लाइसेंस अपने कब्जे में ले लिया गया है। कंपनी के लाइसेंस को कैंसिल करने की कार्रवाई शुरू कर दी है।
सरकार के लिए तैयार की जा रही थी दवाएं
ड्रग इंस्पेक्टर अनिता भारती के अनुसार दस्तावेजों की जांच में पता चला कि कंपनी में दवा बिहार सरकार के लिए तैयार की जा रही थी। जन औषधि केंद्र पर भी यहीं से तैयार दवा भेजी जाती हैं। दवा कंपनी का हर साल का टर्न ओवर 25 से 30 करोड़ रुपये है। सरकारी दवा बनाने में इतनी बड़ी खामियां मिलने पर उन्होंने हैरानी जताई।
कंपनी मालिक ने नोटिस लेने से किया इनकार
ड्रग इंस्पेक्टर अनिता भारती का कहना है कि रिलीफ बायोटेक प्राइवेट लिमिटेड कंपनी में जांच के दौरान कंपनी मालिक और कर्मचारियों ने टीम के साथ अभद्रता भी की है। साथ ही टीम ने कंपनी मालिक को नोटिस दिया तो उसनेे लेने से इनकार कर दिया। मंगलौर स्थित रिलीफ बायोटेक प्राइवेट लिमिटेड कंपनी में भारी कमिया पाई गई हैं। दवा उत्पादन पर रोक लगा दी है। वहीं लाइसेंस लेकर कैंसिल करने की कार्रवाई के लिए विभाग को सिफारिश भेजी जा रही है। कंपनी मालिक ने नोटिस लेने से भी इन्कार कर दिया। अब ई-मेल से कंपनी को नोटिस भेजा जाएगा।