नई दिल्ली। रेबीज संक्रमण रोधी और सिकलसेल एनीमिया की दवाइयां अब गांवों में भी मिलेंगी। इसके लिए केंद्र सरकार ने नई दवाओं की खरीद शुरू कर दी है। आवश्यक दवाओं की सूची में संशोधन किया है। नई सूची के तहत हीमोफीलिया की दवाएं हर जिला और उप जिला अस्पताल में उपलब्ध रहेंगी। बता दें कि हीमोफीलिया रोगियों में रक्त के थक्के बनाने वाले कारक फैक्टर सात, आठ और नौ से बनी प्रोथ्रोम्बिन कॉम्प्लेक्स कॉन्संट्रेट दवा उपलब्ध होगी।

दवाओं को खरीदने के आदेश जारी

नई सूची में शामिल की गई सभी दवाओं को खरीदने के आदेश भी जारी किए गए हैं। अब जिला अस्पतालों में नि:शुल्क मिलने वाली आवश्यक दवाओं की संख्या 377 से बढक़र 381 कर दी गई है। वहीं, उप जिला अस्पतालों में 314 से बढक़र 318 और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर 171 से बढक़र 172 तक पहुंच गई है।

रेबीज रोधी टीका भी मिलेगा

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अपर सचिव एवं राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के निदेशक एलएस चांगसन ने सभी राज्यों के स्वास्थ्य निदेशकों व सचिवों पत्र लिखा है। पत्र में बताया गया है कि सिकलसेल एनीमिया, हीमोफीलिया और रेबीज संक्रमण स्वास्थ्य के लिए सबसे जोखिम स्थितियों में हैं।

सिकलसेल एनीमिया की दवा हाइड्रोक्सीयूरिया को देश के 30 हजार से अधिक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर निशुल्क उपलब्ध कराया जाएगा। इन्हीं केंद्रों पर रेबीज रोधी सीरम भी उपलब्ध कराए जाएंगे। साथ ही भविष्य में रेबीज रोधी टीका भी यहां मिलेगा।

हीमोफीलिया ग्रस्त मरीजों की जानकारी मांगी

एनएचएम ने सभी जिला और उप जिला अस्पतालों में हीमोफीलिया ग्रस्त मरीजों की जानकारी मांगी है। बता दें कि हीमोफिलिया एक आनुवांशिक विकार है। यह आमतौर पर पुरुषों को होता है। इसमें शरीर के बाहर बहता हुआ रक्त जमता नहीं है। इसके कारण चोट या दुर्घटना में यह जानलेवा साबित होती है।

दवाओं की खरीद में मदद करेगा केंद्र

रेबीज

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार इन सभी दवाओं को उपलब्धता कराने के लिए केंद्र सरकार पूरा सहयोग करेगी। राज्यों से कहा गया है कि वे अपने स्थानीय अस्पतालों में इन दवाओं का भंडार रखने के लिए प्रस्तावित बजट केंद्र सरकार को भेजें।