हरिद्वार। एंटी कोविड वैक्सीन का इंतजार बस खत्म होने को है। ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया ने दो एंटी कोविड वैक्सीन के प्रयोग को मंजूरी दे दी है। वैक्सीन उपलब्ध होने के साथ हरिद्वार में रोजाना एक हजार स्वास्थ्यकर्मियों के एंटी कोविड वैक्सीन का टीका लगाने की तैयारी की जा रही है। अब स्वास्थ्य विभाग ने ड्राइ रन मॉकड्रिल के लिए केंद्रों की संख्या तीन से बढ़ाकर पांच कर दी है। शहरी और देहात क्षेत्र के केंद्रों में पूर्वाभ्यास किया जाएगा। बतादें कि हरिद्वार जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग ने कोविड वैक्सीनेशन को लेकर सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं। अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. अजय कुमार ने बताया कि कोविड वैक्सीनेशन के लिए 50 केंद्रों को चिह्नित किया गया है। शुरूआत में 15 सेंटरों में वैक्सीनेशन किया जाएगा।

जरूरत पड़ने पर वैक्सीनेशन सेंटरों की संख्या को बढ़ाया भी जाएगा। पहले चरण में 14031 सरकारी और निजी अस्पतालों के स्वास्थ्यकर्मियों का वैक्सीनेशन किया जाना है। दरअसल कोविड वैक्सीनेशन के निर्धारित 15 केंद्रों में पांच-पांच कर्मचारी की तैनाती की जाएगी। इनमें एनएनएम (वैक्सीनेटर), आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, आशा, होमगार्ड की ड्यूटी शामिल रहेगी। वहीं वैरिफिकेशन का काम पंचायती राज विभाग या शिक्षा विभाग का एक कर्मचारी करेगा। रोजाना आठ घंटे तक वैक्सीनेशन किया जाएगा। एंटी कोविड वैक्सीन एएनएम लगाएंगी। सभी एएनएम को पहले ही वैक्सीनेशन का प्रशिक्षण दिया जा चुका है।

वैक्सीनेशन के बाद करीब एक घंटे के लिए व्यक्ति को निगरानी कक्ष में रखा जाएगा। यदि किसी व्यक्ति को वैक्सीन से रिएक्शन होती है तो एएनएम उसको तत्काल एडरेनेलीन का इंजेक्शन लगाएगी। यह इंजेक्शन एएनएम को मिली एनाफायलेटिक किट में मौजूद रहेगा। दरअसल  मुख्य सचिव ने कहा कि जिलों की पूर्ण व्यवस्था का दायित्व जिलाधिकारी एवं जिला चिकित्सा अधिकारियों को निभाना है। कोल्ड चेन लॉजिस्टिक्स की व्यवस्था और टीकाकरण स्थलों के चिन्हीकरण में विशेष सतर्कता बरती जानी चाहिए। टीकाकरण में लगे एक एक कार्मिक का प्रशिक्षण किया जाना सुनिश्चित किया जाए।  बैठक में बताया गया वैक्सीनेशन के लिए प्रत्येक जिले में सभी आवश्यक तैयारियां कर ली गई हैं। प्रत्येक जिले में 10 बूथों में आठ जनवरी को ड्राई रन किया जाएगा।

बैठक में सचिव अमित नेगी, सौजन्या एवं डॉ. पंकज पांडेय सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। दरअसल सभी सीएचसी के अलावा जिला अस्पताल और सिविल अस्पताल रुड़की  केंद्रों में एक विशेष टीम तैनात रहेगी। रिएक्शन की स्थिति में एडरेनेलीन का इंजेक्शन लगाने के बाद व्यक्ति को तत्काल एंबुलेंस के माध्यम से स्थानीय सीएचसी, जिला अस्पताल या सिविल में भेजा जाएगा। हालांकि एडरेनेलीन के इंजेक्शन से रिएक्शन से ग्रस्त व्यक्ति का स्वास्थ्य सामान्य हो जाएगा। लेकिन इसके बावजूद ऐहतियात के लिए पूरी एहतियात के लिए यह व्यवस्था की गई है। सभी 15 सेंटरों में एक एंबुलेंस सेवा उपलब्ध रहेगी।

प्रदेश में आठ जनवरी को प्रत्येक जिले के 10 बूथों में कोविड-19 की वैक्सीन का ड्राई रन होगा। मुख्य सचिव ओम प्रकाश ने सभी जिलाधिकारियों और मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को वैक्सीनेशन की गाइडलाइन के अनुसार सभी तैयारियां पूरी करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि राज्य के जिन इलाकों में इंटरनेट की नेटवर्क कनेक्टिविटी नहीं है या खराब है, वहां इलेक्शन की तर्ज पर बीएलओ सभी आवश्यक सूचनाएं लाभार्थी तक पहुंचाने की व्यवस्था करें। दरअसल डॉ. अजय कुमार ने बताया कि प्रत्येक वैक्सीनेशन सेंटर में 100 से अधिक लोगों का वैक्सीनेशन नहीं किया जाएगा। उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य विभाग ने रोजाना एक हजार स्वास्थ्यकर्मियों के वैक्सीनेशन का लक्ष्य निर्धारित किया है।

एंटी कोविड वैक्सीन की सुरक्षा के लिए भी विशेष इंतजाम रहेंगे। कोल्ड स्टोरेज सेंटर के बाहर पुलिस बल की तैनाती भी की जाएगी। तो वहीं सचिवालय में कोविड-19 के वैक्सीनेशन की तैयारियों की समीक्षा बैठक के दौरान मुख्य सचिव ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि निर्देश दिए कि वैक्सीनेशन की पूरी प्रक्रिया जन जन पहुंचाने के लिए इसका पूर्ण प्रचार-प्रसार किया जाए। इसके साथ ही कोल्ड चेन लॉजिस्टिक्स की व्यवस्था और टीकाकरण स्थलों की निगरानी के लिए भी अधिकारियों की तैनाती कर ली जाए। उन्होंने टीकाकरण स्थलों में इंटरनेट कनेक्टिविटी सुनिश्चित करने को भी कहा।

उन्होंने कहा कि ऐसे क्षेत्र जहां नेटवर्क कनेक्टिविटी न होने अथवा कम होने के कारण पंजीकरण एवं टीकाकरण आदि के मैसेज लाभार्थी तक पहुंचने में समस्या हो, उन स्थानों पर इलेक्शन की तर्ज पर बीएलओ की व्यवस्था की जाए। बीएलओ से सभी आवश्यक सूचनाएं लाभार्थी तक पहुंचाई जाए। टीकाकरण स्थलों  में बिजली, पानी सहित वेटिंग रूम में टॉयलेट आदि की व्यवस्था हो। टीकाकरण स्थलों में सोशल डिस्टेंसिंग का पूर्ण ध्यान रखा जाए।