रोहतक वासियों के लिए बड़ी खबर सामने आयी है। अब छोटे बच्चों को एंडोस्कोपी और कोलोनोस्कोपी करने के लिए बड़े शहरों या बाहर महंगी प्राइवेट एंडोस्कोपी व कोलोनोस्कोपी करवाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। रोहतक पीजीआई गैस्ट्रोएंटरोलॉजी विभाग में ही छोटे बच्चों की  एंडोस्कोपी व कोलोनोस्कोपी हो सकेगी। इस बात की जानकारी खुद पीजीआई के गैस्ट्रोएंटरोलॉजी विभाग के अध्यक्ष डॉ प्रवीण मल्होत्रा ने दी है।

छोटे बच्चों की एंडोस्कोपी व कोलोनोस्कोपी की सुविधा निशुल्क

डॉक्टर प्रवीण मल्होत्रा ने बच्चों की एंडोस्कोपी के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि पीजीआईएमएस का गैस्ट्रोएंटरोलॉजी विभाग जो की लाल श्यामलाल बिल्डिंग में स्थापित है उसमें छोटे बच्चों की एंडोस्कोपी व कोलोनोस्कोपी की सुविधा निशुल्क उपलब्ध करवा दी गई है। उन्होंने बताया कि कुलपति डॉक्टर अनीता सक्सेना व निदेशक डॉ एसएस लोहचब के अथक प्रयासों से यह संभव हो पाया है।

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गौरतलब है कि छोटे बच्चों की एंडोस्कोपी और कोलोनोस्कोपी बड़ों के मुकाबले काफी जटिल होती है क्योंकि छोटे बच्चों के खाने की पाइप, पेट और अंतड़ियां काफी नाजुक और छोटी होती हैं तथा इसलिए इनकी एंडोस्कोपी की पाइप भी पतली होती है।

हरियाणा सरकार द्वारा निशुल्क उपलब्ध

डॉ प्रवीण मल्होत्रा ने बताया कि बच्चों की एंडोस्कोपी वह कोलोनोस्कोपी की सुविधा चुनिंदा केंद्रो में उपलब्ध होती है और प्राइवेट हॉस्पिटल में यह काफी महंगी होती है परंतु पीजीआइएमएस में यह सुविधा हरियाणा सरकार द्वारा निशुल्क उपलब्ध करवाई गई है। उन्होंने बताया कि बच्चों में एंडोस्कोपी व कोलोनोस्कोपी की जरूरत फॉरेन बॉडी निकालने ,बायोप्सी लेने, खून की नसों को छल्ले लगाने व टीका लगाने में महत्वपूर्ण योगदान है।

डॉ मल्होत्रा ने बताया कि गैस्ट्रोएंटरोलॉजी विभाग में अभी तक करीब 37000 मरीजों की निशुल्क जांच बगैर किसी वेटिंग के की जा चुकी है और इसके लिए विभाग में 20 सदस्य टीम 24 घंटे मरीजों की सेवा में तत्पर है।