बिलासपुर (हिमाचल प्रदेश) । जिला अस्पताल बिलासपुर में कई गंभीर रोगों में इस्तेमाल होने वाली डेढ़ लाख से ज्यादा टेबलेट रखे खाए एक्सपायर हो गई हैं। ये दवाएं जरूरत से ज्यादा खरीद ली गई और इन्हें जरूरत मंद लोगों को बांटा भी नहीं गया। एक्सपायर होने के बाद अब इन्हें इनके कवर से निकालकर अस्पताल की डिस्पेंसरी में ही रखवा दिया गया है, जहां से जल्द ही इन्हें ठिकाने लगाने की तैयारी चल रही है। एक दवा की सप्लाई अभी आई है जिसका एक्सपायर डेट दो वर्ष बाद का है लेकिन इसकी गुणवत्ता बेहद खराब है। यह रेपर निकालते ही भरभरा जा रही है। सिर्फ इतना ही नहीं बल्कि पेट के कीड़े मारने वाली एक दवा को विभागीय कर्मचारियों ने एक्सपायर डेट नजदीक आने के भय से इन्हें जबरन ही लोगों में कृमि निवारण दिवस का हवाला देकर बांट दिया।
एक दवा की ऐसी सप्लाई कर दी गई है, जिसका रेपर खोलते ही यह चूरा हो जाती है। राज्य के स्वास्थ्य मंत्री विपिन सिंह परमार ने कहा कि यह मामला उनके ध्यान में नहीं है। वह जांच के लिए विभागीय अधिकारियों को निर्देश दे रहे हैं। बिलासपुर जिला अस्पताल व स्वास्थ्य विभाग के अलग-अलग अस्पतालों व स्वास्थय केंद्रों में लोगों को नि:शुल्क दवाएं देने के लिए दवाओं की खरीद की जाती है। बिलासपुर जिला अस्पताल में एक गंभीर रोग में प्रयोग होने वाली दवा की करीब डेढ़ लाख टेबलेट अस्पताल के स्टोर व डिस्पेंसरी में रखी एक्सपायर हो गई हैं। इन दवाओं को जरूरतमंद लोगों को वक्त पर नहीं दिया गया। सूत्र यह भी बताते हैं कि जेनरिक किस्म की इन दवाओं की सप्लाई भी जरूरत से ज्यादा खरीद ली गईं। डेढ़ लाख टेबलेट तो एक्सपयार हो गई हैं, अभी तक ऐसी कई और दवाएं हैं जो एक्सपायर हो गई हैं। लेकिन डिस्पेंसरी में रेपरों से निकालकर नष्ट करने के लिए रखी गई इन दवाओं को कुछ डिब्बों में बंद कर दिया गया है। इस मामले में डिस्पेंसरी में तैनात एक फार्मासिस्ट ने बताया कि जबरन खरीद कर ली जाती हैं और इसका प्रयोग जनता के लिए नहीं होता है। उन्होंने बताया हालात ऐसे हैं कि एक दवा की सप्लाई अभी आई है जिसका एक्सपायर डेट दो वर्ष बाद का है लेकिन इसकी गुणवत्ता बेहद खराब है। यह रेपर निकालते ही भरभरा जा रही है।