दरभंगा (बिहार)। डीएमसीएच में डॉक्टर की भारी लापरवाही का मामला प्रकाश में आया है। यहां इलाज के लिए आए दो पुरुष रोगियों को डॉक्टर ने गर्भ रोकने की दवा लिख दी। मामला संज्ञान में आने पर अस्पताल प्रशासन स्तब्ध रह गया। अस्पताल अधीक्षक डॉ. राज रंजन प्रसाद ने यूनिट हेड डॉ. रामजी ठाकुर से स्पष्टीकरण मांगा है।
जानकारी अनुसार अस्पताल के डॉ. रामजी ठाकुर की यूनिट में मरीजों को दवा देने वाले पर्चे देखकर फार्मासिस्ट हैरान रह गए। फार्मासिस्ट ने दो पुरुषों व एक महिला मरीज के पर्चे को केन्द्रीय दवा स्टोर के मेडिकल ऑफिसर डॉ. मनोज कुमार को दिखाया। तीनों मरीजों को अलग-अलग परेशानी थी। बावजूद इसके तीनों पर्चे पर प्रेग्नेंसी सस्टेन करने व गर्भवती को उल्टी रोकने में काम आने वाली दवा लिखी हुई थी। पुरुष मरीजों के लिए इन दवाओं को लिखा देख डॉ. कुमार ने अधीक्षक को मामले से अवगत कराया। जिन दो पुरुषों को दवा लिखी गई थी, इनमें से एक को पांव में जख्म और दूसरे को हाइड्रोसिल की बीमारी है। वहीं, जिस महिला मरीज को यह दवा लिखी गई है, उसे पेट में गांठ हैं। प्रेग्नेंसी से उसका कोई वास्ता ही नहीं है। यही नहीं, मरीजों को कई महंगी दवाइयां भी लिखी गई थी। अस्पताल अधीक्षक ने स्पष्ट निर्देश दिया है कि आयुष्मान योजना के तहत मरीजों को वही दवा लिखी जाए जो अस्पताल में उपलब्ध हैं। दवा उपलब्ध नहीं हो, तभी मरीजों को बाहर की दवा लिख सकते हैं। किसी खास कम्पनी की दवा को प्रोमोट करने के लिए इस बात का भी ध्यान नहीं दिया गया कि दवा का इस्तेमाल किस बीमारी में करना है। आयुष्मान भारत योजना के नोडल अधिकारी सह उपाधीक्षक डॉ. मणि भूषण शर्मा ने पुष्टि करते हुए बताया कि इस मामले को लेकर अस्पताल प्रशासन बेहद गंभीर है। बहरहाल इस मामले ने संबंधित यूनिट की कार्यशैली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।