बिलासपुर (छत्तीसगढ़)। गौरेला क्षेत्र में एक निजी डॉक्टर की भारी लापरवाही का मामला प्रकाश में आया है। उक्त डॉक्टर ने अपने अस्पताल में आई गर्भवती महिला को बिना जांच-परख किए ही एचआईवी संक्रमित खून चढ़ा दिया। इससे महिला के साथ ही उसका पति और बच्चे भी गंभीर बीमारी की चपेट में आ गए है। फिलहाल सभी पीडि़तों को इलाज के लिए सिम्स रेफर कर दिया गया है।
ज्ञातव्य है कि एक महिला ने चार साल पहले गौरेला स्थित निजी क्लीनिक में गर्भावस्था के दौरान अपनी स्वास्थ्य जांच कराई थी। जांच के पश्चात डॉक्टर ने महिला को खून की कमी बताई। महिला को खून चढ़ाने की सहमति पर डॉक्टर ने लापरवाही का परिचय देते हुए उसे बिना जांच किए ही एचआईवी संक्रमित खून चढ़ा दिया। इस खून को चढ़ाने से थोड़े समय बाद ही महिला, उसका पति व बच्चा एक गंभीर बीमारी की चपेट में आ गए। दोबारा जांच कराने पर संक्रमित खून का रहस्य खुला। फिलहाल सभी पीडि़तों को इलाज के लिए सिम्स रेफर कर दिया गया है। उधर, परिजनों का आरोप है कि क्षेत्र में ब्लड बैंक की व्यवस्था नहीं है। इसका फायदा उठाकर निजी पैथोलैब संचालक खून का अवैध व्यापार करने में जुटे रहे हैं। इससे मरीजों को स्वास्थ्य हानि उठानी पड़ रही है।