गोरखपुर। उत्तर प्रदेश मेडिकल सप्लाइज कारपोरेशन से भेजे गए लिवोसिट्रीजिन सिरप (60 मिलीलीटर) के नमूने जांच में फेल पाए गए हैं। इस वजह से जिले में आए पांच हजार सिरप कारपोरेशन ने वापस मंगा लिए गए है। दरअसल ये दवाएं पिछले सितंबर में यहां ड्रग वेयर हाउस में आई थीं। अभी दवाएं ड्रग वेयर हाउस में ही थीं। उसे स्वास्थ्य केंद्रों या जिला अस्पताल में नहीं भेजा गया था। दवाएं आने के बाद जांच के लिए नमूना गुणवत्ता नियंत्रण अनुभाग को भेजा गया था। इस माह आई रिपोर्ट में छह बैच नंबर की दवाएं फेल पाई गई हैं।
गुणवत्ता नियंत्रण अनुभाग ने लेबलिंग के आधार पर इन दवाओं को मिसब्रांड घोषित किया है। इसके बाद कारपोरेशन ने इन दवाओं को वापस मंगा लिया है। तो वहीं सीएमओ – डा. श्रीकांत तिवारी के अनुसार दवाएं अभी स्वास्थ्य केंद्रों पर नहीं पहुंची थीं, अभी ड्रग वेयर हाउस में ही थीं। इसलिए कोई दवा मरीजों में वितरित नहीं हुई थी। अब उन्हें वापस कारपोरेशन को भेजा जा रहा है। गौरतलब है कि गोरखपुर में कोरोना वायरस की वैक्सीन जनवरी में आ जाएगी और फरवरी से इसे अभियान चलाकर लगाया जाएगा। इसके लिए लगभग 26 हजार कर्मियों की सूची तैयार की गई है।
सीएमओ डा. श्रीकांत तिवारी ने बताया कि हमारी तैयारियां लगभग पूरी हैं। जनवरी के दूसरे-तीसरे सप्ताह में वैक्सीन आ जाएगी। फरवरी के प्रथम सप्ताह से स्वास्थ्य कर्मियों को लगाने का अभियान शुरू कर दिया जाएगा। हर स्वास्थ्य कर्मी के मोबाइल पर जगह व समय का मैसेज भेजा जाएगा, उसी जगह पर समय से 15 मिनट पहले उन्हें पहुंचना होगा। 10 मिनट वैक्सीन लगाने का समय निर्धारित किया गया है।
इसके बाद वे 30 मिनट विशेषज्ञों की निगरानी में रहेंगे। उन्होंने बताया कि भारत बायोटेक द्वारा निर्मित स्वदेशी वैक्सीन के आने की उम्मीद ज्यादा है। क्योंकि इसे दो से आठ डिग्री सेल्सियस तापमान में रखा जा सकता है। इसके लिए तीन डीप फ्रीजर भी शासन ने भेज दिया है। फाइजर की वैक्सीन के लिए -70-80 डिग्री सेल्सियस तापमान की जरूरत पड़ेगी, उसे यहां रखना कठिन होगा।