नोएडा । लिव-52 की बिक्री से बैन हटा दिया गया है। इस संबंध में डीएम की तरफ से सूचना जारी की गई है। बता दें कि यूपी में क्षेत्रीय आयुर्वेदिक एवं यूनानी अधिकारियों ने 32 आयुर्वेदिक दवाओं की बिक्री पर बैन लगा दिया था। इन दवाओं में ऑर्थोनिल, योगी केयर, झंडू लालिमा, हाइपावर मूसली, हेपलिव और लिव-52 सीरप आदि शामिल थे। अब लिव-52 सीरप पर लगे बैन को वापस ले लिया गया है।
गौतमबुद्ध नगर क्षेत्रीय आयुर्वेदिक एवं यूनानी अधिकारी धर्मेंद्र कुमार के अनुसार राज्य सरकार द्वारा लिव-52 और सिस्टोने सिरप क्रीम की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। अब इस प्रतिबंध को हटा दिया गया है। सभी औषधि विक्रेताओं और मेडिकल स्टोर को सूचित किया गया है कि लिव-52 और सिस्टोने सिरप का उत्पादन कर सकते हैं और इसे बेच भी सकते हैं।
गौरतलब है कि इन दवाओं के सैंपल जुलाई और अगस्त 2023 में लिए गए थे। जांच रिपोर्ट मार्च 2024 में आई है। इसके बाद यह कार्रवाई की गई है। डॉ.धर्मेंद्र कुमार ने बताया कि मिलावट के मामले में स्थिति पूरी तरह स्पष्ट नहीं है। ऐसे में एक निर्देश आने की उम्मीद है।
ये दवाइयां जांच में मिली नकली
जांच में पता चला है कि विश्वास गुड़ हेल्थ कैप्सूल, पेननिल चूर्ण, एज फिट चूर्ण, अमृत आयुर्वेदिक चूर्ण, स्लीमेक्स चूर्ण, दर्द मुक्ति चूर्ण, आर्थोनिल चूर्ण, योगी केयर, माइकान गोल्ड कैप्सूल, डाइबिंट शुगर केयर टैबलेट, हाइपावर मूसली कैप्सूल, डाइबियोग केयर, झंडू लालिमा ब्लड एंड स्किन प्यूरीफायर हेल्थ गुड़ सीरप, हेपलिव डीएस सीरप, सिस्टोन सीरप, बायना प्लस ऑयल, वातारिन ऑयल, न्यू रिविल और बोस्टा एमआर टैबलेट में मिलावट है।
आपूर्ति और निर्माण पर रोक लगाई
इनके अलावा, ज्वाला दाद, रूमो प्रवाही, सुदरी कल्प सीरप, त्रयोदशांग गुग्गुल, वेदांतक वटी, एसीन्यूट्रा लिक्विड, आंवला चूर्ण, सुपर सोनिक कैप्सूल, बोस्टा 400 टैबलेट और बायना प्लस कैप्सूल नकली मिले हैं। क्षेत्रीय आयुर्वेदिक यूनानी अधिकारी डॉ. धर्मेंद्र कुमार के अनुसार अलग-अलग जगह से लिए गए सैंपल की जांच में मिलावटी और नकली होने का पता चला। ये दवाएं अलग-अलग कंपनियों की हंै। इसके बिक्री के अलावा आपूर्ति और निर्माण पर भी रोक लगा दी गई है। लोगों से अपील की गई है इन दवाओं को नहीं खरीदें। इसकी बिक्री करने वालों पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।