नई दिल्ली। वेट लॉस यानी वजन घटाने वाली दवाएं देश में बिना मंजूरी के बेची जा रही हैं। ओज़ेम्पिक और मौन्जारो जैसी वजन घटाने वाली दवाओं के सेवन से लोगों की सेहत के साथ खिलवाड़ हो रहा है।
गौरतलब है कि आज हर कोई कम समय में ही अपना वजन कम करना चाहता है। शॉर्टकट के चक्कर में ऐसी दवाओं का भी इस्तेमाल होने लगा है, जिनके इस्तेमाल की भारत में मंजूरी नहीं है। देश में ओज़ेम्पिक और मौन्जारो जैसी दवाओं की डिमांड बढ़ गई है।चिंताजनक बात यह है कि बिना किसी रेगुलेटरी चेकअप के अवैध तरीकों से बिना मंजूरी वाले वजन कम करने की दवाओं को भारतीय फार्मेसियों तक सप्लाई किया जा रहा है।
ओजेम्पिक और मौन्जारो जैसी दवाओं की अवैध बिक्री
महरौली में अग्रवाल फार्मा की पूजा ने इस बात को स्वीकारा कि बिना किसी वैलिड डॉक्यूमेंट्स के ओजेम्पिक और मौन्जारो जैसी दवाओं का अवैध तरीके से इंपोर्ट कर उसकी बिक्री की जा रही है। ये दवाएं अलग-अलग कीमत के टैग के साथ दुबई और इजिप्ट से मंगाई जाती हैं। हालांकि इन दवाओं के काफी साइड इफेक्ट्स भी हैं।
पूजा अग्रवाल बताती हैं कि एक दवा की कीमत 102 रुपये है। इसका एक ब्रांड दुबई से आता है, जिस पर मिस्र जैसा कोई लेबल नहीं है। इसकी कीमत 19,000 रुपये के आसपास है। इस वैरिएंट की दवा लेने की सलाह भी नहीं दी जाती है। दरअसल, दुबई वैरिएंट की दवाओं में खतरनाक साइड इफेक्ट्स का पता चला है। यह रोगियों में ब्लड प्रेशर को भी कम करता है।
दिल्ली के चांदनी चौक में एवी फार्मा के विवेक ने इस बात को स्वीकार किया कि वे बिना किसी वैलिड लेबलिंग और मंजूरी के ओजेम्पिक दवा बेचते हैें। ओज़ेम्पिक के एक (पैक) इंजेक्शन की कीमत 23,000 रुपये है। एक इंजेक्शन में चार खुराकें होती हैं। इसे अधिकतर ऑर्डर पर खरीदा जाता है और इसे स्टॉक में नहीं रखा जाता है। इसके पैक पर मिस्र की एमआरपी होती है। वहीं, भागीरथ पैलेस के मग्गू फार्मास्युटिकल स्टोर के मनीष ने 17,000 रुपये प्रति इंजेक्शन देने की बात कही।
ओजेम्पिक को डायबिटीज के लिए मिली थी मंजूरी
गौरतलब है कि अमेरिकन ड्रग रेगुलेटर ने ओजेम्पिक को डायबिटीज के इलाज के लिए साल 2017 में मंजूरी दी थी। वहीं, इसके ज्यादा डोज वाले वैरिएंट को वेगोवी ब्रांड के तहत मोटापे के इलाज के लिए 2021 में मंजूरी दी थी। इसके अलावा मौन्जारो दवा को भी डायबिटीज के लिए इलाज के लिए मंजूरी मिली थी। लेकिन इसे अनाधिकृत तौर पर वेट लॉस के तौर पर भी इस्तेमाल किया जाने लगा है।
जानलेवा साबित हो सकती हैं ये दवाएं
मैक्स हेल्थकेयर में एंडोक्रिनोलॉजी और मधुमेह के प्रमुख डॉ. अंबरीश मिथल ने इन दवाओं के अनधिकृत खरीद और ऑफ-लेबल उपयोग के प्रति आगाह किया है। वे बताते हैं कि ये प्रॉपर मेडिकल सुपरविजन के बिना इस्तेमाल करने पर स्वास्थ्य के लिए खतरा पैदा कर सकता है।
फिलहाल उपरोक्त दवाओं के नकली वैरिएंट भी मार्केट में आ गए हैं। ओज़ेम्पिक और मौन्जारो जैसी दवा लेने से आपको मतली और उल्टी की स्थिति हो सकती है। डॉ. अंबरीश मिथल बताते हैं कि अगर आपका पैंक्रियाटाइटिस का इतिहास रहा है तो ये दवाएं बिल्कुल न लें। थायराइड, कैंसर वाले लोगों को भी ये दवाइयां नहीं लेनी चाहिए। इनके लिए ये दवाइयां जानलेवा साबित हो सकती हैं।