नोएडा। ग्रेटर नोएडा के दादरी में स्थित एक निजी पैथोलॉजी लैब में कोरोना वैक्सीन के अवैध ट्रायल के मामले में सबसे बड़ा सवाल है यह कि वैक्सीन आखिर कैसे गौतमबुद्धनगर पहुंची। गुजरात के अहमदाबाद में बनी यह दवा यहां किसने पहुंचाई। जांच एजेंसियां इन सवालों का जवाब तलाशने में जुटी हुई हैं। आरोप है कि स्वास्थ्य विभाग की अनुमति के बिना जायडस कैडिला कंपनी की वैक्सीन का यहां पर अवैध रूप से ट्रायल किया जा रहा था, जिसका निर्माण अहमदाबाद में हुआ है और यहां पर उसके ट्रायल के लिए अनुमति नहीं ली गई थी। यह वैक्सीन यहां पर कैसे आयी और कैसे इसका ट्रायल लोगों पर कर दिया गया।
इस पता लगाने में पुलिस के साथ स्वास्थ्य विभाग और ड्रग विभाग भी जुटे हैं। ड्रग इंस्पेक्टर वैभव बब्बर ने बताया कि मामले की जानकारी प्रदेश के ड्रग कंट्रोलर और ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया को भी दे दी गई है। सीएमओ डॉ. दीपक ओहरी ने बताया कि गौतमबुद्धनगर में इस कंपनी की वैक्सीन के ट्रायल की किसी को अनुमति नहीं थी। इस प्रकरण की रिपोर्ट शासन को भेजी गई है। स्वास्थ्य विभाग भी पूरे मामले की जांच कर रहा है। इस संभावना से भी इनकार हीं किया जा सकता कि अन्य जिलों में भी इस वैक्सीन का अवैध ट्रायल हुआ हो।
जांच के बाद ही पता चलेगा कि इस दवाई का अवैध ट्रायल यहां पर कैसे हुआ और कैसे यह वैक्सीन अहमदाबाद से यहां तक पहुंच गई। अपर पुलिस आयुक्त कानून और व्यवस्था- लव कुमार के अनुसार ”कोरोना वैक्सीन के अवैध ट्रायल के मामले में दादरी कोतवाली में मुकदमा दर्ज है। पुलिस पता लगा रही है कि आखिर यह दवा यहां तक बिना अनुमति के कैसे पहुंची। इस मामले में चार आरोपियों की गिरफ्तारी हो चुकी है और अन्य तीन आरोपियों की तलाश की जा रही है। अभी तक इस वैक्सीन का प्रयोग कहां-कहां पर किया गया है, इसकी भी जानकारी की जा रही है। गाजियाबाद के जिस अस्पताल से वैक्सीन यहां पर आने की बात सामने आई है, उससे रिकॉर्ड तलब किया गया है।”
दरअसल स्वास्थ्य विभाग ने इस मामले की रिपोर्ट शासन को भेज दी है और अन्य जिलों में भी कोरोना वैक्सीन के अवैध ट्रायल की संभावना जताई गई है। दादरी स्थित गोपाल पैथोलॉजी में 16 फरवरी को शिविर का आयोजन कर 19 लोगों पर अवैध रूप से कोरोना की दवाई का ट्रायल किया गया था। इस मामले में दादरी कोतवाली में मुकदमा दर्ज हो चुका है और चार लोगों की गिरफ्तारी भी हो चुकी है। लैब को सील भी कर दिया गया है। यह मामला प्रदेशभर में सुर्खियों में है।जिम्स के डायरेक्टर डॉ. राकेश गुप्ता ने कहा कि कोरोना के टीकाकरण के लिए जिन दो दवाइयों को सरकार से अनुमति मिली है सिर्फ उनका ही प्रयोग किया जा सकता है। अन्य किसी दवाई का इस्तेमाल गलत है।