हिसार। सिरसा विजिलेंस टीम द्वारा 40 हजार रुपये की रिश्वत मामले में गिरफ्तार किए गए ड्रग कंट्रोलर सुरेश चौधरी के ड्राइवर और चपरासी को पुलिस ने शनिवार को अदालत में पेश किया, जहां से उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। अब पुलिस केमिस्ट की दुकान खोलने के लिए लाइसेंस जारी करने के लिए एक लाख रुपये की रिश्वत मांगने पर 40 हजार रुपये में सौदा तय करने वाले ड्रग कंट्रोलर के घर सिरसा की विजिलेंस टीम ने छापेमारी की, लेकिन वह वहां नहीं मिला।

ड्रग कंट्रोलर सुरेश चौधरी मुख्यत सफीदों के पास जामणी गांव का रहने वाला है। पिछले 12 सालों से ड्रग कंट्रोलर के पद पर कार्यरत है, उसका वेतन प्रति महीने 65 हजार रुपये है। लेकिन इन 12 सालों में उसके पास करोड़ों की संपत्ति है। सुरेश चौधरी किसी बड़े घराने जैसे रईसों की जिंदगी जीता है। विजिलेंस टीम उसकी संपत्ति का भी आकलन कर रही है।

बताया जा रहा है कि अग्रोहा में सुरेश चौधरी की एक गैस एजेंसी भी है। वहीं भिवानी में हुडा सेक्टर में सुरेश चौधरी की दो हजार गज की कोठी है। इसमें एक हजार गज में स्वीमिंग पुल, लोन, जिम बनाई हुई है। वहीं एक हजार गज में कोठी बनाई गई है। जिसमें गेट-दरवाजे सभी आटोमैटिक है जो रिमोट से खुलते है। सुरेश चौधरी के दो जुड़वा बेटे है जिनमें एक यूक्रेन से एमबीबीएस कर रहा है तो दूसरा कानून की पढ़ाई कर रहा है। सुरेश चौधरी की पत्नी बीएमएस डाक्टर है।

सुरेश चौधरी के ससुर गांव बैजलपुर निवासी फूल सिंह भिवानी से हेल्थ विभाग से सुपरिडेंट के पद से रिटायर है। बताया जा रहा है कि सुरेश चौधरी ने जो भी संपत्ति जुटाई है यह अपने ससुर के नाम करवा रखी है। उसके पास नंगथला और छतीसगढ़ में कई एकड़ जमीन है। विजिलेंस टीम आरोपित ड्रग कंट्रोलर सुरेश चौधरी को पकड़ने के लिए हिसार, भिवानी सहित कई ठिकानों पर दबिश दे चुकी है। लेकिन आरोपित अब तक विजिलेंस टीम के हत्थे नहीं चढ़ा है। उसके 12 साल के कार्यकाल के दौरान उस पर छह बार छापेमारी की गई है। जिसमें केस दर्ज होने पर वह सस्पेंड भी हो चुका है। हिसार सहित अन्य जिलों में भी कार्यरत रहा है। लेकिन हर बार उस पर कोई विभागीय कार्रवाई ना कर उसे वापस इसी पद पर ले लिया गया।

गौरतलब है कि गांव रामायण निवासी रामबिलास ने केमिस्ट की दुकान के लिए लाइसेंस जारी करने के लिए ड्रग कंट्रोलर सुुरेश चौधरी से बात की थी। सुरेश चौधरी ने उससे एक लाख रुपये की मांग की थी, जिसके बाद 40 हजार रुपये में सौदा तय हुआ था। इसके बाद रामबिलास ने इस बात की शिकायत पंचकूला के विजिलेंस डीजीपी को दी थी। उनसे रिक्वेस्ट के बाद सिरसा विजिलेंस टीम को हिसार में इस मामले में आरोपितों को रंगे हाथों पकड़ने की जिम्मेदारी सौंपी थी।

सिरसा विजिलेंस टीम ने ड्रग कंट्रोलर सुुरेश चौधरी के ड्राइवर और चपरासी को 40 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए आधार अस्पताल अस्पताल के सामने से रंगे हाथों काबू किया था। मामले में गिरफ्तार किए गए दोनों आरोपितों ने रिश्वत मांगने की बात कबूल की थी और इसमें अपना भी हिस्सा होने की बात कहीं थी। साथ ही विजिलेंस टीम ने स्टिग आपरेशन करने वाले रामायण गांव निवासी रामबिलास के भी कलमबद्ध बयान दर्ज करवाए गए है। मामले में ड्रग कंट्रोलर सुरेश चौधरी की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है। सुरेश चौधरी का फोन शुक्रवार से ही स्विच आफ आ रहा है।