अहमदाबाद में नवंबर के इस महीने में हवा में ठंडक, प्रदूषण, धुंध, दिन और रात के तापमान और धूल के बीच महत्वपूर्ण अंतर के कारण शहर में संक्रमण, एलर्जी और श्वसन संबंधी बीमारियों में वृद्धि हुई है। बीते साल के इसी महीने की तुलना में इस अक्टूबर में एंटी-संक्रामक और सांस की बीमारियों के लिए दवाओं की बिक्री औसतन 20 प्रतिशत बढ़ गई।
श्वसन संबंधी बीमारियों के लिए एंटीबायोटिक्स और दवाएं इन लक्षणों के इलाज के लिए सबसे अधिक दी जाने वाली दवाओं में से कुछ हैं और परिणामस्वरूप, उनकी कुल बिक्री बढ़ रही है। आंकड़ों से यह भी पता चलता है कि अक्टूबर 2023 में गुजरात में संक्रमण-रोधी दवाओं का मूविंग एनुअल टर्नओवर (MAT) 861 करोड़ रुपये था और श्वसन संबंधी बीमारियों के इलाज के लिए दवाओं का टर्नओवर 555 करोड़ रुपये था। MAT की गणना 12 महीने की अवधि के लिए बिक्री को दर्शाती है।
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डॉक्टरों का कहना है कि बदलता मौसम इसका कारण है। अक्टूबर से फरवरी तक जब हम देखते हैं कि मौसम बदल रहा है और सर्दी चरम पर है, तो ऊपरी श्वसन संक्रमण के साथ-साथ सर्दी, खांसी और फ्लू सहित अन्य वायरल संक्रमण के कुल मामले आम तौर पर बढ़ रहे हैं।
फेडरेशन ऑफ फैमिली फिजिशियन एसोसिएशन ऑफ इंडिया के मानद सचिव डॉ. प्रग्नेश एम वाचराजानी ने कहा कि प्रदूषकों, धूल और एलर्जी के संपर्क में आना प्रमुख कारकों में से एक है। इसी तरह की प्रवृत्ति नवंबर में भी जारी रही है।
केमिस्टों और ड्रगिस्टों के अनुसार, दवाओं की बिक्री में वृद्धि का कारण बिना प्रिस्क्रिप्शन के लोगों द्वारा काउंटर पर एंटीबायोटिक्स और एंटी-इस्टामिन का अंधाधुंध सेवन भी है।