आरा। सदर अस्पताल में सिटी स्कैन, डायलिसिस व डिजिटिल सेवा शुरू होने के बाद भी अस्पताल में जीवन रक्षक सभी दवाइयां नहीं मिल रही हैं। 167 जीवन रक्षक दवाओं में मात्र 120 ही दवाएं उपलब्ध हैं। इन दिनों हार्ट व न्यूरो सहित कई जीवन रक्षक दवाएं जो मरीजों को मिलनी चाहिए वह आइएसओ मान्यता प्राप्त सदर अस्पताल में नहीं मिल रही है। इस संदर्भ में इमरजेंसी व ओपीडी में दिखाने आए मौलाबाग निवासी अरमान खान व रीता कुमारी ने बताया कि डॉक्टर से दिखाने पर वे बाहर से दवा लेने की बात कह रहे है।
बता दे कि डीएम रोशन कुशवाहा ने कुछ महीने पहले सदर अस्पताल के निरीक्षण के दौरान कई निर्देश दिए थे जिसमें कुछ ही का पालन हो रहा है। ऐसे दवा वितरण काउंटर पर मरीज दवा लेने के लिए कतारबद्ध होकर घंटों खड़े रहते है तब जाकर उन्हे कुछ ही दवाएं मिल पाती है। अस्पताल प्रबंधक कौशल कुमार दूबे ने दवा वितरण केन्द्र का निरीक्षण किया और काउंटर पर बैठे कर्मी को निर्देश दिए। अस्पताल प्रबंधक डॉ. कौशल कुमार दूबे ने बताया कि सदर अस्पताल में 167 जीवन रक्षक दवाओं में 120 दवाएं उपलब्ध है। जो भी दवाएं उपलब्ध नहीं है उसकी सूची मुख्यालय को भेजी गई है। वह भी जल्द ही मिल जाएगी। हार्ट की दवा उपलब्ध है। कोशिश हमेशा रहती है कि दवा काउंटर से सभी दवाएं दी जाए।
बता दें कि सदर अस्पताल में गैस, डायबिटीज, उल्टी, हार्ट, किडनी, दर्द, न्यूरो से संबंधित, दस्त, फ्रैक्चर के रोगी अपना इलाज कराने आते हैं। कई रोगी दवा यहां नहीं मिलने पर मजबूरी में बाहर से दवा उन्हें खरीदना पड़ता है। एक मरीज ने बताया कि पेट दर्द की दवा डॉक्टर ने लिखा है पर कर्मी कह रहे है कि जाइए बाद में आइएगा, काउंटर बंद हो गया है। रौजा मोहल्ला निवासी अलीम मियां ने बताया कि उनकी हृदय रोगी पत्नी आसमां खातून के लिए डॉक्टर ने जो दवाइयां लिखी हैं, वो अस्पताल में नहीं है।
आखिरकार जब अस्पताल में दवा उपलब्ध है तो किस काम का यह अस्पताल है। यह हालत एक दिन की नहीं है। जब देखिए तो दवा की कमी का हमेशा अस्पताल रोना रोता रहता है। अस्पतालकर्मी भी वरीय अधिकारियों के डर से कुछ भी बताने से इंकार करते रहते है। ऐसे डॉक्टरों का कहना है कि किडनी, हार्ट व न्यूरो से संबंधित दवाएं यहां पर नहीं है मजबुरी में मरीजों को दवा लिख दी जाती है उनकों बाहर से ही लेकर खरीदना पड़ता है।