अहमदाबाद। भारत की प्रमुख दवा निर्माता सन फार्मास्युटिकल्स इंडस्ट्रीज को गुजरात में अपने हलोल संयंत्र के लिए अमेरिकी खाद्य एवं दवा प्रशासन (यूएसएफडीए) की जांच के बाद आपत्तियों के चार नोटिस मिले हैं। नियमित प्रक्रियागत निगरानी में अमेरिकी दवा नियामक ने पाया कि दवा उत्पादों में माइक्रोबायोलॉजीकल तत्वों की रोकथाम से संबंधित प्रक्रियाओं पर अमल नहीं किया गया। इन निगरानी के बाद सन फार्मा को अमेरिकी दवा नियामक द्वारा जताई गई आपत्तियों का जल्द जवाब देने की जरूरत होगी।
सन फार्मा के एक अधिकारी ने कहा कि हम निर्धारित समय पर यूएसएफडीए को अपनी प्रतिक्रिया देंगे। सन फार्मा ने सभी जरूरी सुधारों के उचित क्रियान्वयन में दिलचस्पी दिखाई है और वह वैश्विक रूप से अपनी सभी निर्माण इकाइयों पर उच्च गुणवत्ता स्तर और चौबीसों घंटे सीजीएमपी पर अमल के लिए प्रतिबद्घ है। अक्सर दवा कंपनियों को ऐसी आपत्तियों पर प्रतिक्रिया देने के लिए 15 दिन का समय दिया जाता है। प्रतिक्रियाओं के आधार पर, सन फार्मा की हलोल इकाई को नो एक्शन इंडिकेटेड (एनएआई), वोलंटरी एक्शन इंडिकेटेड (वीएआई) या ऑफीशियल एक्शन इंडिकेटेड (ओएआई) जैसे दर्जे मिल सकते हैं। उद्योग के सूत्रों के अनुसार गुजरात के हलोल में दवा कंपनी की निर्माण इकाई की अमेरिकी दवा नियामक द्वारा 3 जून को निगरानी शुरू की गई थी और यह एक सप्ताह तक चली। सन फार्मा की हलोल इकाई का कंपनी की कुल अमेरिकी बिक्री में 10-15 प्रतिशत का योगदान बना हुआ है। विश्लेषकों का मानना है कि यह नियामकीय निगरानी संभवत: उत्पाद-पूर्व मंजूरी का हिस्सा थी।