कोलकाता। पुलिस ने गुप्त सूचना के आधार पर छापेमारी कर अंतरराज्यीय मादक तस्करी गिरोह के दो सदस्यों को गिरफ्तार किया है। इनकी पहचान उत्तर प्रदेश के संत रविदास नगर निवासी मुकेश सरोज और धीरजलाल सरोज के तौर पर हुई है। दोनों आरोपी लॉकडाउन के बीच आवश्यक सामानों की आपूर्ति के लिए मिली छूट का फायदा उठाकर ट्रकों से लाए जा रहे सब्जियों के बीच मादक पदार्थों को छिपाकर तस्करी करने कोलकाता पहुंचे थे। एसटीएफ के उपायुक्त आईपीएस अपराजिता रॉय ने बताया कि इन्हें देर रात गिरफ्तार किया गया है। एसटीएफ को सूचना मिली थी कि उत्तर प्रदेश से ट्रकों में भरकर कुम्हड़ा लाया जा रहा है जिसमें छिपाकर मादक पदार्थों की तस्करी हो रही है। पुख्ता सूचना के आधार पर छह चक्के वाले संदिग्ध ट्रक को कोलकाता के हेस्टिंग्स थाना अंतर्गत बेकरी रोड में रोककर तलाशी ली गई। इसमें डेढ़ टन कुम्हड़ा लदे हुए थे लेकिन इसी के नीचे 100 कार्टून में प्रतिबंधित कफ सिरप फैंसीडिल छुपाया गया था। प्रत्येक कार्टून में 100 बोतल यानी कुल 10000 बोतल फैंसीडिल बरामद किया गया है। इनकी भारत में कीमत 154000 रुपये बताई गई है। बांग्लादेश की मुद्रा में इसकी कीमत 20 लाख टाका आंकी गई है। इसके तुरंत बाद चालक मुकेश और खलासी धीरज को गिरफ्तार कर लिया गया। अपराजिता रॉय ने बताया है कि फैंसीडिल भारत में जिस कीमत पर खरीदी जाती है, उससे तीन गुना कीमत पर बांग्लादेश में बेची जाती है। इसमें कोडाइन नाम का रसायन होता है जो मादक है और बांग्लादेश में बड़े पैमाने पर लोग इसका इस्तेमाल नशे के लिए करते हैं। भारत में यह प्रतिबंधित है इसलिए ऊंची कीमत पर बांग्लादेश में बेची जाती है। दोनों तस्करों से पूछताछ कर इनके अन्य साथियों के बारे में पता लगाने की कोशिश की जा रही है। इन लोगों ने बताया है कि लॉकडाउन के बीच भी लगातार सब्जियों में छिपाकर मादक पदार्थों की तस्करी न केवल पश्चिम बंगाल बल्कि पूर्वोत्तर राज्यों में भी करते रहे हैं। कोलकाता और अन्य राज्यों में इनके कई अन्य साथी हैं, जिनके बारे में पता लगाने की कोशिशें तेज कर दी गई हैं।