जयपुर। सूबे की सरकारी फार्मा कंपनी में दवाओं का उत्पादन फिर से शुरू होने जा रहा है। विश्वकर्मा औद्योगिक क्षेत्र (वीकेआइ) में स्थापित यह कंपनी आठ साल से बंद पड़ी है।
राजस्थान ड्रग एंड फार्मास्यूटिकल कंपनी को फिर से शुरू करने की प्रक्रिया तेज कर दी गई हंै। कंपनी की बोर्ड मीटिंग में राज्य के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने कंपनी हिंदुस्तान एंटिबायोटिक लिमिटेड (एचएएल) को एक महीने में विस्तृत डवलपमेंट प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार करने के निर्देश दिए हैं। बताया गया है कि विभाग के आला अधिकारी कंपनी की विजिट भी कर चुके हैं।
गौरतलब है कि राजस्थान ड्रग एंड फार्मास्यूटिकल कंपनी राज्य की एकमात्र सरकारी दवा कंपनी है। पूर्व में इसे भारत सरकार और राज्य सरकार के संयुक्त उपक्रम के आधार पर 51 : 49 के साझेदारी के अनुपात में चलाया जाता था। वर्ष 2016 में इस कंपनी में उत्पादन बंद हो गया था।
कई दवाओं के उत्पादन की क्षमता
गौरतलब है कि कंपनी शुरू होने के बाद चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के अंतर्गत संचालित राजस्थान मेडिकल सर्विसेज कॉरपोरेशन की दवाओं की उपलब्धता के मामले में आत्मनिर्भरता बढ़ जाएगी। कंपनी में ओआरएस, कफ सीरप और स्वाइन फ्लू सहित मौसमी और अन्य दवाइयों सहित जांच लैब की उच्च स्तरीय क्षमता है।
कंपनी ने किया था लाभ अर्जित
केन्द्रीय केबिनेट ने इस कंपनी को 28 दिसंबर, 2016 को बंद करने का फैसला लिया था। इसमें कंपनी की सभी चल-अचल संपत्ति को बेचकर देनदारियां चुकाने का निर्णय किया गया। उस समय 126 कर्मचारियों और अधिकारियों में से 101 को स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति दी गई कंपनी वर्ष 2014 तक लाभ अर्जित करती रही है। पिछली सरकार ने भी इसे शुरू करने के लिए प्रस्ताव पारित किया था।