नई दिल्ली। पूरा देश इस वक़्त कोरोना महामारी से जंग लड़ रहा है। हर गुज़रते दिन के साथ कोरोना वायरस का विक्राल और विराट रूप सामने आ रहा है। लाखों लोग एक दिन में संक्रमित हो रहे हैं और हज़ारों लोग इस बीमारी से मर भी रहे हैं। से में बच्चों के कोरोना संक्रमित होने का खतरा पहले की तुलना में कही अधिक बढ़ गया है। इन सब के बीच पहली बार सरकार ने बच्चों को लिए कोविड-19 गाइडलाइन्स जारी की है। नए बदलाव में अस्पतालों पर दबाव को कम करने की कोशिश की गई है। इसमें होम आइसोलेशन को लेकर ऑक्सिजन लेवल में बदलाव किया है। जुलाई 2020 में तीन लेयर वाले मास्क की जगह अब एन-95 मास्क अनिवार्य कर दिया गया है। आइए जानते हैं बच्चों के लिए जारी गाइडलाइन्स में क्या कहा गया है…

प्रोटोकॉल में बिना लक्षण वाले, हल्के और अधिक लक्षण वाले बच्चों के लिए अलग से गाइडलाइन्स जारी की गई हैं। बिना लक्षण वाले बच्चों को लिए किसी भी तरह के इलाज की बात नहीं कही गई है। हालांकि, उनमें संभावित लक्षणों पर नजर रखने की बात कही गई है। हल्के लक्षण वाले बच्चों में गले में खराश, नाक बहना, सांस लेने में तकलीफ के साथ खांसी हो सकती है। कुछ बच्चों में गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल समस्या हो सकती है। गाइडलाइन्स के हिसाब से ऐसे बच्चों के लिए किसी जांच की सिफारिश नहीं की गई है। ऐसे बच्चों का घर पर ही होम आइसोलेशन में इलाज किया जा सकता है। लक्षण वाले इलाज में गाइडलाइन्स के हिसाब से डॉक्टर बच्चों को पैरासिटामोल (10-15 एमजी/किलो/डोज) दे सकते हैं। इसे हर 4 से 6 घंटे पर रिपीट किया जा सकता है। खांसी होने की सूरत में गर्म पानी से गरारा करने की सिफारिश की गई है। बच्चों में हाइड्रेशन के लिए ओरल फ्लूइड के साथ न्यूट्रिशन डाइट की सलाह दी गई है।

हल्के लक्षण वाले बच्चों को एंटीबायोटिक्स नहीं देने की सलाह दी गई है। यदि ऑक्सिजन सैचुरेशन लेवल 90% से ऊपर है तो उसे मॉडरेट कैटेगरी में शामिल किया गया है। हल्के लक्षण वाले बच्चों में न्यूमोनिया हो सकता है। हालांकि, ऐसे बच्चों के लिए रूटीन लैब टेस्ट की सिफारिश नहीं की गई है जबतक कि उनमें गंभीर लक्षण नहीं दिखाई दें। मॉडरेट लक्षण वाले बच्चों को कोविड डेडिकेटेड हेल्थ सेंटर या सेकेंडरी लेवल हेल्थ केयर फैसिलिटी में एडमिट करने की बात कही गई है। मॉडरेट कोविड-19 वाले बच्चों को बुखार के लिए पैरासिटामोल (10-15 एमजी/किलो/डोज), बैक्टिरियल इन्फेक्शन होने की स्थिति में एमोक्सिलीन दी जा सकती है।

ऑक्सिजन सैचुरेशन 94% से कम जाने पर ऑक्सिजन सप्लिमेंट की जरूरत पड़ सकती है। होम आइसोलेशन के लिए ऑक्सिजन लेवल को 95 से घटाकर 94 कर दिया गया है। कोरोना पेशेन्ट की देखभाल करने वाले के लिए एन-95 मास्क अनिवार्य होगा। कैंसर और ट्रांसप्लांट वाले पेशेंट होम आइसोलेशन में रह सकेंगे। कोरोना पेशेंट की देखभाल करने वाले को चार घंटे का मॉनिटरिंग चार्ट बनाना होगा। इसमें टेंपरेचर, हार्ट रेट (पल्स ऑक्सिमीटर से), SpO2 परसेंटेज, फीलिंग (पहले जैसा, बेहतर, खराब ) हेल्थ मिनिस्ट्री की तरफ से दो अलग-अलग डॉक्यूमेंट्स जारी किए गए हैं। इनमें से एक है। होम आइसोलेशन के लिए रिवाइज्ड गाइडलाइन्स और पीडिएट्रिक एज ग्रुप के लिए मैनेजमेंट प्रोटोकॉल।