भारतीय दवाओं में खामियां पाये जाने के बाद केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन ने राज्य के अधिकारियों के साथ मिलकर 162 दवा कंपनियों का निरीक्षण किया। 162 दवा कंपनियों का जोखिम आधारित निरीक्षण किया और 143 मामलों में कारण बताओ नोटिस जारी किए गए हैं।
66 मामलों में उत्पाद और लाइसेंस रद्द और निलंबित
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने बताया कि 40 मामलों में उत्पादन रोकने का आदेश जारी किया गया है, 66 मामलों में उत्पाद और लाइसेंस रद्द और निलंबित किए गए हैं, 21 मामलों में चेतावनी पत्र जारी किए गए हैं और एक मामले में प्राथमिकी दर्ज की गई है। उन्होंने कहा कि इसके साथ ही औषधि नियम, 1945 के प्रावधानों के अनुसार तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
900 से अधिक कफ सिरप के नमूनों का विश्लेषण
स्वास्थ्य मंत्री मांडविया ने कहा कि विदेश व्यापार महानिदेशालय, वाणिज्य विभाग, वाणिज्य व उद्योग मंत्रालय ने कफ सीरप की निर्यात नीति में संशोधन के लिए बीते 22 मई को अधिसूचना जारी की। इसमें 1 जून से अपने उत्पादों को निर्यात करने से पहले अनुमोदित प्रयोगशाला से सरकार का विश्लेषण प्रमाणपत्र प्राप्त करना अनिवार्य हो गया। इसके तहत 900 से अधिक कफ सिरप के नमूनों का विश्लेषण किया गया और विश्लेषण प्रमाण-पत्र जारी किया गया।
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स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि देश में औषधियों के विनिर्माण, बिक्री और वितरण को औषधि एवं प्रसाधन सामग्री अधिनियम, 1940 और नियम, 1945 के उपबंधों के अंतर्गत विनियमित किया जाता है। देश में औषधियों के विनिर्माण, बिक्री और वितरण पर विनियामक नियंत्रण संबंधित राज्य सरकारों के लाइसेंसिंग प्राधिकरणों द्वारा किया जाता है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि निर्माताओं को देश में बिक्री और वितरण के लिए किसी भी दवा के निर्माण की खातिर उक्त अधिनियम और नियमों के तहत दिए गए लाइसेंस की शर्तों का पालन करना आवश्यक है।
जब औषधियों की गुणवत्ता अथवा सुरक्षा से संबंधित मामलों की सूचना प्राप्त होती है तो आवश्यक कार्रवाई के लिए मामले को राज्य लाइसेंसिंग प्राधिकरण (एसएलए) के साथ उठाया जाता है।