रोहतक। महिलाओं को गोरा बनाने का दावा करने वाली आयुर्वेदिक स्किन क्रीम में खतरनाक स्तर का स्टेरॉइड मिला है। खास बात यह है कि इस क्रीम के पैकेट पर बड़े अक्षरों में सरकारी शोध संस्था सीएसआईआर-नीस्ट की ओर से विकसित किए जाने की बात लिखी है। रोहतक शहर के कुछ बाजार नकली कॉस्मैटिक प्रोडक्ट खपाने की गढ़ बन गया है।
नकली स्किन क्रीम से कई लोगों में परेशानी सामने आने के बाद हैदराबाद की त्वचा रोग विशेषज्ञ डॉ. रजिता दामिसेट्टी ने क्रीम को लेकर सीएसआईआर में शिकायत दर्ज कराई है। डॉ. रजिता ने कहा कि एक कंपनी की ओर से बेची जा रही ‘डॉ. गोरी-गोरी’ नाम की क्रीम लगाने से लोगों को हुई परेशानी के बाद मैंने इसमें स्टेरॉइड की मौजूदगी की जांच कराई। जांच में क्रीम में 0.056 फीसदी ‘बेथामेथासोन वालेरेट’ नाम का स्टेरॉइड मिला होने की पुष्टि हुई है।
शिकायत के मुताबिक क्रीम को आयुर्वेदिक बताकर बेचा जा रहा है, जबकि तथाकथित आयुर्वेदिक उत्पाद में इतनी मात्रा में सिंथेटिक स्टेरॉइड की मौजूदगी उसे खतरनाक बना देती है। खासकर तब जब उसे चेहरे जैसी संवेदनशील जगह पर लगाया जाता है। इतना ही नहीं, इसका नाम गोरी-गोरी ड्रग एंड कॉस्मेटिक एक्ट के अनुसूची जे के नियम 106 का उल्लंघन है। शिकायत में आगे कहा गया है कि स्टेरॉइड एक शेड्यूल एच की दवा है, जिसे बिना वैध पर्चे के नहीं दिया जा सकता। इन बातों को ध्यान में रखते हुए जरूरी कदम उठाए जाएं। डॉ. रजिता ने कहा कि यदि मेरी बात पर यकीन नहीं है तो सीएसआईआर खुद इस क्रीम की जांच करा लें। इस तरह स्टेरॉइड युक्त क्रीम को बेचना अपराध है। इससे सीएसआईआर जैसी संस्था का नाम भी खराब हो रहा है।
उन्होंने बताया कि चिकित्सीय मामलों में स्टेरॉइड किसी खास जगह पर इस्तेमाल किया जाता है। इस दौरान पूरी निगरानी रखी जाती है। स्किन क्रीम में इसे डालना खतरनाक है। यही नहीं, आयुर्वेद के नाम पर क्रीम को बेचना तो सरासर धोखाधड़ी है।