ज्ञानपुर (भदोही)। जिले में 2019-20 में विभिन्न निरीक्षणों के दौरान उठाए गए 148 सैंपलों की जांच में 17 दवाइयां नकली पाई गई हैं। जबकि 13 दवाएं बिना मानक के बेची गई मिली। विभाग ने दो दवा कारोबारियों के खिलाफ कोर्ट में केस दर्ज करवाया है। इसके अलावा आधा दर्जन फर्मों के खिलाफ कार्रवाई की तैयारी है।
गौरतलब है कि जिले में दवा कारोबार में बड़े पैमाने पर खेल किया जा रहा है। फर्जी नाम और लाइसेंस नंबर वाली कंपनियों की बनी दवाइयां बाजार में धड़ल्ले से बेची जा रही हैं। बीते वित्तीय वर्ष 2019-20 और 18-19 के दौरान दवा कारोबार में घपलेबाजी के कई मामले सामने आए।
जिला औषधि निरीक्षक एके बंसल के अनुसार जिले में बिना मानक के दवाएं भी जमकर बेची जा रहीं हैं। हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के दौरे पर पता चला कि दवा की तीन निर्माण इकाइयां अस्तित्व में हैं ही नहीं, लेकिन उनकी फर्मों के फर्जी नाम और लाइसेंस संख्या लिखकर दवाइयां तैयार की गईं हैं। वर्ष 2019-20 में अब तक 148 सैंपल लिए गए, जिनमें 17 दवाएं नकली पाई गईं। 13 दवाएं मानक के अनुसार नहीं थीं। किसी में 30 तो किसी में 40 फीसदी ही दवाएं थीं। 2018-19 में 83 सैंपल लिए गए, जिनमें से चार नकली और दो मानक के अनुरूप नहीं पाए गए। इस वर्ष अभी लगभग 20 नकली दवाओं की रिपोर्ट आनी बाकी है। नकली दवाओं के मामले में अभोली और गोपीगंज की एक-एक दवा फर्मों के संचालकों के खिलाफ सीजेएम कोर्ट में वाद दाखिल किया जा चुका है। एक दवा निर्माता फर्म रेमेक हेल्थकेयर का पता बंगलूरू दिया गया है, जो वहां है ही नहीं। इसके भदोही में पांच सैंपल नकली मिले हैं।