नई दिल्ली: नोएडा के सेक्टर- 39 स्थित एनआइसीपीआर परिसर में सुपारी से होने वाले कैंसर को लेकर 27-28 नवंबर को दो दिवसीय कॉन्फ्रेस होने जा रही है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर होने वाली इस दूसरी कॉन्फ्रेस का भारत में पहली बार आयोजन हो रहा है। विश्व स्वास्थ्य संगठन -फ्रेमवर्क कंवेंशन फॉर टोबैको कंट्रोल-स्मोकलेस टोबैको हब-राष्ट्रीय कैंसर रोकथाम एवं अनुसंधान संस्थान के प्रतिनिधि और चिकित्सक कॉन्फ्रेंस में हिस्सा लेंगे। चबाने वाले तंबाकू (एसएलटी) पर भी संयुक्तरूप से विचार-विमर्श होगा। बड़े कैंसर संस्थानों के प्रख्यात वैज्ञानिक, प्रोफेसर और डॉक्टर दुनिया भर में हुए सुपारी से कैंसर पर शोध, सर्वे, प्लान, निर्णय इत्यादि का ब्योरा यहां साझा करेंगे।
भारत में सुपारी के दुष्प्रभाव, इस्तेमाल करने वाले लोगों की उचित संख्या आदि पर अब तक कोई ताजा सर्वे नहीं हुआ। करीब दो माह पहले केंद्र सरकार ने एनआइसीपीआर से सुपारी पर सर्वे कर ताजा आंकड़ा प्रस्तुत करने को कहा था।
सुपारी और एसएलटी से होने वाले कैंसर को लेकर रिसर्च गैप के कारणों, चुनौतियों इत्यादि पर विस्तृत चर्चा होगी। एसएलटी के साथ सुपारी पर भी प्रभावी नियंत्रण पाने के लिए मल्टी स्टेक-होल्डर्स के लिए एक्शन प्लान बनाने पर मंथन होगा।  उम्मीद है कि कॉन्फ्रेंस के बाद तंबाकू उत्पादों पर चेतावनी के साथ बिक्री और विशेष जगहों पर प्रतिबंध लगाने की तर्ज पर सुपारी को लेकर भी ऐसी ही सिफारिश की पुरजोर वकाल की जाएगी। बता दें कि सुपारी से होने वाले कैंसर पर दुनिया की पहली कॉन्फ्रेंस मलेशिया में हुई थी।