हिसार/रोहतक। सैनिटाइजर का लेबल लगाकर फर्श साफ करने वाले लिक्विड को मनोज यादव नामक दवा दुकानदार द्वारा बेचा जा रहा था। जिसका खुलासा हिसार में हुआ है और इसके तार रोहतक समेत दमन से जुड़े है। गत दिवस जिला ड्रग कंट्रोलर डॉ. सुरेश चौधरी व उनकी टीम ने कटला रामलीला मैदान स्थित रक्षित फार्मा पर छापामार कार्रवाई की।
जांच में सामने आया कि डिसइंफेक्शन की बोतल पर हैंड सैनिटाइजर का नकली मार्का लगा इनको बेचा जा रहा था। ड्रग कंट्रोलर डॉ. सुरेश चौधरी ने बताया कि इन बोतलों पर बेक्टोरब ब्लू और हैंड सैनिटाइजर का मार्का लगा हुआ मिला, जबकि यह टेबल या फर्श साफ करने का डिसइंफेक्शन है। जब संचालक मनोज यादव से इसका बिल मांगा गया तो उनमें हैंड सैनिटाइजर की जगह डिसइंफेक्शन या बेक्टोरब ब्लू ही लिखा हुआ था। इतना ही नहीं, जहां 500 एमएल की प्रति बोतल के ऊपर 630 रुपये एमआरपी दर्शाया गया, लेकिन बिल में 250 रुपये एमआरपी मिला।
जिला ड्रग कंट्रोलर ने कहा कि रक्षित फार्मा से डिसइंफेक्शन की 10 बोतलें बरामद हुए, जिन पर नकली हैंड सैनिटाइजर का मार्का था। सभी बोतलों के सैंपल सील कर चंडीगढ़ भेजे गए हैं। वहीं ड्रग कंट्रोलर की शिकायत पर रक्षित फार्मा संचालक मनोज यादव, रोहतक से मल्होत्रा ट्रेडर्स, मुंबई में इसके मैनेजिंग डायरेक्टर हितेन प्रवीन शाह, डायरेक्टर भोवली निहिल शाम व अन्य के खिलाफ सिटी थाने में धोखाधड़ी सहित कई धाराओं के तहत केस दर्ज किया गया है।
ड्रग विभाग द्वारा की गई कार्रवाई को लेकर हिसार के ड्रग कंट्रोलर डॉ सुरेश चौधरी ने बताया कि रक्षित फार्मा द्वारा हैंड सैनिटाइजर का मार्का लगा डिसइंफेक्शन की बोतलें बेची जा रही थीं। डिसइंफेक्शन का इस्तेमाल टेबल या फर्श साफ करने के लिए होता है। फार्मा संचालक मनोज यादव के खिलाफ केस दर्ज कर गिरफ्तार कर लिया गया है। यह डिसइंफेक्शन बोतल दमन रमन ऐंड वेल कंपनी द्वारा निर्मित है।
वहीं इस मामले को लेकर मनोज यादव ने बताया कि उसने यह डिसइन्फेक्शन की बोतलें रोहतक की मल्होत्रा ट्रेडर्स से खरीदी हैं, जो दमन की रमन ऐंड वेल कंपनी से निर्मित हैं। इधर, रोहतक के हुडा कॉम्पलेक्स स्थित मल्होत्रा ट्रेडर्स का कहना है कि जो सामान कंपनी से आता था, उसे ही आगे बेचा जाता था। इस बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है। सैनिटाइजर बनाने वाली कंपनी ही कुछ बता सकती है।