विशेषज्ञों का कहना है कि सोशल डिस्टैंसिंग (सामाजिक दूरी) कोरोना जैसे वायरस का संक्रमण रोकने का कारगर विकल्प है। इसके जरिये संक्रमण का खतरा काफी हद तक कम किया जा सकता है। अगर चीन, ईरान, इटली जैसे देशों ने शुरुआती दौर में इस उपाय को अपना लिया होता तो हजारों की संख्या में लोगों को संक्रमण नहीं होता।

भीड़भाड़ वाले इलाकों में न जाएं
भीड़भाड़ वाले स्थानों पर जाने से बचना चाहिए। धार्मिक, सांस्कृतिक, मनोरंजन, शैक्षणिक आयोजन से लेकर खेलकूद की गतिविधियों से भी दूरी रखनी जरूरी है। स्कूल, जिम, मॉल, बाजार, पब, थियेटर, पूजा स्थल और स्वीमिंग पूल भी सामाजिक संपर्क वाले स्थलों में आते हैं। सार्वजनिक स्थलों पर आयोजित सम्मेलनों, सभाओं से दूरी बनाना बेहतर है।

वर्क एट होम
सरकार ने तमाम सरकारी और निजी कार्यालयों को भी सतर्क रहने को कहा है, जहां संक्रमण का खतरा काफी अधिक है। ऐसे में सरकारी-निजी संस्थानों को घर से ही काम करने की हिदायत दी गई है। संदिग्ध लक्षण वाले कर्मचारियों को कार्यालय से दूर रखने की सलाह दी गई है।

एक मीटर की दूरी आवश्यक
विशेषज्ञों का कहना है कि अगर वर्क टू होम संभव नहीं है तो सहकर्मियों के बीच कम से कम एक मीटर की दूरी होनी चाहिए। ऑफिस में भी सार्वजनिक आयोजनों से बचना बेहतर है। दस से अधिक लोग एक साथ इकट्ठा न हों।

गैरजरूरी यात्रा सें बचें
सभी गैर जरूरी घरेलू या विदेशी यात्राएं टालने की कोशिश करें। विदेशी हो या घरेलू, बस-ट्रेन से हवाई यात्रा तक अनावश्यक यात्रा से बचें। प्रभावित देशों और इलाकों से भी बचना समझदारी है।