छतरपुर। मध्यप्रदेश के छतरपुर से हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। जहां मरीजों के इलाज के लिए जिम्मेदार स्टाफ नर्स और कंपाउंडर अपने मूल काम छोड़कर दूसरे कामों में लगे हुए हैं। स्टाफ नर्स दवाएं वितरित कर रही हैं, तो फार्मासिस्ट कंप्यूटर वर्क कर रहे हैं। इतना ही नहीं सिविल सर्जन और आरएमओ के चहेते कुछ कंपाउंडर के पास दवाएं खरीदने के साथ ही इलेक्ट्रीशियन का प्रभार है।
मीडिया में आई खबर के मुताबिक, दवा वितरण केंद्र में नियुक्त फार्मासिस्ट लवलेश चतुर्वेदी पिछले कई महीनों से अपना काम छोड़कर आरएमओ डॉ. आरपी गुप्ता के कक्ष में बैठकर उनका कंप्यूटर वर्क कर रहे हैं। वहीं फार्मासिस्ट बृजेश त्रिपाठी वैक्सीन वितरण केंद्र का काम देख रहे हैं। इन फार्मासिस्टों के स्थान पर कई महीनों से वार्ड के लिए नियुक्त स्टाफ नर्स सोफिया बानो और पार्वती चौरसिया दवाएं वितरित कर रही हैं। अस्पताल के कंपाउंडर लिपिकों के काम संभाल रहे हैं। कंपाउंडर स्वतंत्र त्रिपाठी के पास जिला अस्पताल की दवा खरीदी और इलेक्ट्रिक सामग्री खरीदी का प्रभार पिछले कई सालों से है, जबकि अस्पताल के कई लिपिकों को मामूली काम दिए गए हैं। इसके साथ ही कंपाउंडर रामकृपाल करौसिया पिछले कई सालों से इमरजेंसी ड्यूटी के प्रभारी बने हुए हैं। कंपाउंडर एसके सक्सेना ओपीडी के प्रभारी और रामकुमार त्रिपाठी कई सालों से मरीजों को वितरित की जान वाली डाइट के प्रभारी बने हुए हैं।