पटना। बिहार में ड्रग लाइसेंस प्रक्रिया ऑनलाइन कर दिया है। ड्रग लाइसेंस प्रक्रिया ऑनलाइन करने के बाद बिहार के सभी रिटेल दवा दुकानों में फार्मासिस्ट रखना अनिवार्य हो गया है। औषधि विभाग की वेबसाइट पर अभी तक केवल 2700 लाइसेंस को ही अपलोड किया गया है जिससे फार्मासिस्टों में रोष है।

बिहार के फार्मा एक्टिविस्ट रजत राज ने कहा है कि उनका आंदोलन ड्रग लाइसेंस प्रक्रिया ऑनलाइन कराने के लिए नहीं बल्कि पूरी इसलिए ऑनलाइन कराने के लिए था। उन्हें हर एक दवा का हिसाब चाहिए। बिहार में नकली दवाइयों की बिक्री बहुत ज्यादा होती है और दवा माफियाओं को लाभ पहुंचाने के लिए सरकार बार-बार हम फार्मासिस्टों के आंदोलन को दबाने का प्रयास करती है लेकिन उनका संघर्ष जारी रहेगा। बिहार में एक्सपायरी और नकली दवाइयों का काला धंधा बंद होना चाहिए और किस दुकान पर कौन सा फार्मासिस्ट कार्यरत है और किस दुकान पर फार्मासिस्ट कार्यरत नहीं है, दुकान पर कार्यरत फर्मासिस्ट का नाम उसका रजिस्ट्रेशन नंबर दुकान के प्रोपराइटर का नाम दुकान का पता और इंस्पेक्शन करने वाले ड्रग इंस्पेक्टर का नाम तथा अंतिम इंस्पेक्शन तिथि भी वेबसाइट पर अपलोड होनी चाहिए।

ज्ञात हो कि बिहार में 56000 से अधिक दवा दुकानें हैं जिसमें रिटेल दवा दुकानों की संख्या मात्र 14000 केकरी बताई जाती है। जब की पेटेंट दवा दुकानों की संख्या 10,000 है और होलसेल दवा दुकानों की संख्या 22 हजार के करीब है।