जमशेदपुर। झारखंड उच्च न्यायालय ने 4 फरवरी को जुगसलाई थाना केस संख्या 42/2020, जीआर नंबर 718/ 2020 में एसडीजेएम कोर्ट जमशेदपुर द्वारा आईपीसी की धारा 420 और आवश्यक वस्तु अधिनियम की धारा 7 के तहत एक जून 2020 को जुगसलाई के दो थोक दवा व्यवसायी भाइयों अशोक अग्रवाल और सुनील अग्रवाल के खिलाफ लिए गए संज्ञान आदेश को निरस्त कर दिया। इस मामले की सुनवाई वीडियो कांफ्रेंस से न्यायाधीश आनन्द सेन की बेंच ने की।

दरअसल अशोक अग्रवाल और सुनील अग्रवाल को ड्रग इंस्पेक्टर राजीव एक्का, कुंजबिहारी और एम जया ग्लेंड ने 200 एमएल के सेनिटाइज़र को 100 रुपये से अधिक में बेचने के आरोप में गिरफ्तार कर 3 अप्रैल 2020 को जेल भेज दिया था। इससे पूर्व अनुमंडल पदाधिकारी ने उनके गोदाम में छापेमारी की थी। जस्टिस सेन ने कहा कि एसडीजेएम जमशेदपुर का आदेश यह नहीं बताता कि उनके पास आईपीसी की धारा 420 और आवश्यक वस्तु अधिनियम की धारा-7 मामले में संज्ञान लेने के क्या आधार थे।

आदेश में आगे कहा गया है कि एसडीजेएम, जमशेदपुर की व्यवहार न्यायालय का उक्त आदेश यह भी नहीं बताता कि आवेदनकर्ताओं ने ऐसा क्या किया था जिसके आधार पर उन्हें अदालत ने सम्मन भेजा। जस्टिस सेन ने उक्त मामले को एसडीजेएम, जमशेदपुर की व्यवहार न्यायालय के पास नया आदेश पारित करने के लिए वापस भेज दिया। वादी अग्रवाल बंधुओं की ओर से कलकत्ता उच्च न्यायालय के अखिलेश श्रीवास्तव और रांची उच्च न्यायालय के अधिवक्ता रोहित सिन्हा ने पक्ष रखा।