रांची। होमियोपैथिक दवा बिना लाइसेंस के बनाने वाली कंपनी का पर्दाफाश किया गया है। मौके से अवैध दवाइयों के 41 कार्टन बरामद किए गए हैं। यह कार्रवार्ई रांची के औषधि नियंत्रक विभाग की टीम ने टिलटांड़ गोविंद नगर में की। छापामारी टीम में ड्रग इंस्पेक्टर प्रतिभा झा, मो. नसीम, पुतली बिलोंग, आलोक कुमार, अमित कुमार शामिल रहे।
यह है मामला
औषधि नियंत्रण विभाग को गुप्त सूचना मिली थी कि एक दवा कंपनी बिना लाइसेंस के दवा का निर्माण कर इसे बाजार में बेच रही है। सूचना के आधार पर ड्रग इंस्पेक्टर की टीम बनाकर मौके पर छापेमारी की गई। टीम ने मौके से करीब 41 कार्टन निर्मित दवा, दवा बनाने में इस्तेमाल होने वाली खाली बोतल, लेवल्स, कैप्स और दवाओं को सील करने वाली मशीन जब्त की।
औषधि निदेशालय में संयुक्त निदेशक सुजीत कुमार के अनुसार बरामद दवाओं की गुणवत्ता जांचने के लिए आठ सैंपल लिए गए हैं। इन्हें लैब में भेजा जाएगा। मामले में ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक एक्ट की विभिन्न धाराओं में कार्रवाई की जा रही है। उन्होंने बताया कि बिना लाइसेंस के दवा निर्माण करने पर कम से कम पांच साल की सजा का प्रावधान है।
तीन साल पहले समाप्त हो गया था लाइसेंस
ड्रग इंस्पेक्टर ने बताया कि जितेंद्र कुमार यादव नाम का व्यक्ति होमियोपैथी दवा बनाता था। वर्ष 2021 में उसका दवा निर्माण कंपनी का लाइसेंस रद्द हो गया था। इसके बाद भी वह दवा बनाा और बिक्री करता रहा। आरोपी की स्टेशन रोड में वैष्णवी होमियो के नाम से दवा दुकान भी है। वहां भी जांच-पड़ताल की जा रही है।