कोटा (राजस्थान)। औषधि विभाग की टीम ने गाड़ीखाना लाडपुरा स्थित एक होलसेल दवा की दुकान पर छापा मारकर 12 हजार एल्प्राजोलम टेबलेट जब्त की। बता दें कि यह टेबलेट डॉक्टर की सलाह पर न्यूरो संबंधी बीमारी से ग्रस्त मरीजों या नींद नहीं आने की समस्या में रोगी को दी जाती है। लेकिन इस टेबलेट को लोग नशे के लिए भी इस्तेमाल करने लगे हंै। यह दवा अफीम जैसा नशा देती है।
सहायक औषधि नियंत्रक (एडीसी) देवेंद्र कुमार गर्ग ने बताया कि स्टेशन रंगपुर रोड क्षेत्र के रिटेल दवा स्टोर से एल्प्राजोलम टेबलेट बिक्री की सूचना मिली थी। वहां पहुंचे तो दवा नहीं मिली, लेकिन उससे पता चला कि गाड़ीखाना में ज्योति फार्मा पर यह टेबलेट मिलती है। दुकानदार से ज्योति फार्मा के संचालक को फोन करवाया और 20 डिब्बे का ऑर्डर किया। उसने 7600 रुपए के साथ किसी को दुकान पर भेजने की बात कही तो डिपार्टमेंट की टीम ने दुकानदार के नौकर को पैसे देकर भेजा। होलसेलर जैसे ही नौकर को डिब्बे देने लगा तभी टीम ने योजनानुसार वहां धावा बोल दिया। टीम में शामिल अधिकारियों ने बिल मांगा तो होलसेलर प्रतीक माथुर बिल पेश नहीं कर पाया। कई बार पूछताछ में भी वह ये नहीं बता पाया कि उक्त डिब्बे वह कहां से लाया आया था।
ड्रग विभाग की टीम ने आरोपी के खिलाफ ड्रग एंड कॉस्मेटिक एक्ट की धारा 18 ए/28 तथा 17/27 के तहत केस दर्ज करवाया गया है। आशंका जताई गई है कि कोटा में इसकी कोई बड़ी खेप आई है, जहां से यह माल सप्लाई हो रहा है। बरामद दवा असली है या नकली, इस पर भी संदेह है। इसलिए सैंपल लेकर जांच के लिए भेजा गया है। नियमानुसार रजिस्टर्ड डॉक्टर के पर्चे पर ही एल्प्राजोलम टेबलेट दी जा सकती है। इसके अलावा दवा विक्रेता को अलग से रजिस्टर में उल्लेख करना होता है, जिसमें रोगी व डॉक्टर का नाम भी लिखना अनिवार्य होता है। लेकिन आरोपी होलसेलर पर कोई रजिस्टर नहीं मिला। न ही खरीद व बिक्री से जुड़े कोई बिल मिले।