मिदनापुर (पश्चिम बंगाल)। रिंगर लैक्टेट समेत 10 तरल दवाओं पर प्रतिबंंध लगा दिया गया है। यह निर्णय मेदिनीपुर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में एक्सपायर्ड सेलाइन चढ़ाने से प्रसूता की मौत होने के बाद लिया गया ह। स्वास्थ्य विभाग ने नयी अधिसूचना जारी कर रिस्ट्रिक्टेड लिक्विड दवा के नाम का जिक्र किया है। स्वास्थ्य विभाग ने वेस्ट बंगाल फार्मास्यूटिकल्स के कुल 10 उत्पादों पर प्रतिबंध लगाया है।
उधर, स्वास्थ्य विभाग की ओर से निर्देश जारी होते ही आरजी कर मेडिकल कॉलेज के इंडोर विभाग, ऑपरेशन थिएटर, इमरजेंसी विभाग, टीसीयू समेत अन्य विभाग में उक्त सेलाइन व दवाओं के इस्तेमाल पर रोक लगा दी गयी है।
गौरतलब है कि मेदिनीपुर मेडिकल कॉलेज अस्पताल में एक्सपायर्ड आरएल सेलाइन के इस्तेमाल से ममनी रुईदास (20) नाम की प्रसूता की मौत हो गई थी। चार अन्य मरीज भी बीमार हैं। इनमें से एक की हालत गंभीर बताई जा रही है।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के निर्देश पर राज्य के मुख्य सचिव मनोज पंत ने स्वास्थ्य विभाग से दो दिन के अंदर रिपोर्ट तलब की है। मुख्य सचिव ने स्वास्थ्य विभाग से पूछा है कि दवाओं की सप्लाई से पहले इसकी जांच क्यों नहीं की गई। वहीं, स्वास्थ्य विभाग की टीम ने मेदिनीपुर मेडिकल कॉलेज का दौरा किया है।
इन दवाओं पर लगागया गया है प्रतिबंध :
1. रिंगर लैक्टेट 500 एमएल
2. रिंगर सॉल्यूशन आइपी इंजेक्शन 500 एमएल
3. डेक्सट्रोज़ इंजेक्शन 10त्न एमओएसएम/एल 500 एमएल
4. मैनिटॉल इन्फ्यूजन आइपी 20 ग्राम 100 एमएल
5. पैरासिटामोल इन्फ्यूजन 1000 मिलीग्राम/100 एमएल
6. ओफ्लॉक्सासिन 200 मिली ग्राम /100 एमएल
7. लेवोफ्लॉक्सासिन-100 एमएल
8. 1/2 डीएनएस-500 एमएल
9. सोडियम क्लोराइड एरिगेशन सॉल्यूशन- 3 लीटर
10. पेडियाट्रिक मेंटेनेंस इलेक्ट्रोलाइट सॉल्यूशन -500 मिलीलीटर