पिछोर। पिछोर में संचालित हो रहे मेडिकल स्टोरों में भारी लापरवाही चल रही हैं। यहां पर मेडिकल स्टोर दुकान का लाइसेंस किसी के नाम पर है, जबकि वहां पर बैठ कोई और रहा है। इतना ही नहीं डॉक्टर के लिखे पर्चे पर जो लोग दवाएं दे रहे हैं, उनके पास फार्मेसी की कोई डिग्री ही नहीं। महज 12वीं पास युवक यहां पर्चे पर लिखी दवाएं दे देते हैं। नियमों को ताक पर रखकर संचालित हो रही यह मेडिकल स्टोर किसी दिन आमजन के लिए जान की आफत बन सकती हैं।

यहां पर कई लोग मेडिकल स्टोर की आड़ में नशीली दवाओं का कारोबार करने से भी बाज नहीं आते हैं। तो वहीं बीएमओ – संजीव वर्मा ने बताया कि यह काम ड्रग इंस्पेक्टर का है और लाइसेंस की जांच भी वही करते हैं। यह जांचना भी उनका काम है कि जो युवक दुकान पर बैठे हैं उनके पास फार्मासिस्ट की डिग्री है या नहीं। साथ ही सीएमएचओ – डॉ. एएल शर्मा ने कहा कि यदि किसी अन्य व्यक्ति के नाम पर लाइसेंस लेकर दुकान संचालित की जा रही हैं तो यह गलत है। आप हमें दुकानों की सूची भेज दें, हम ड्रग इंस्पेक्टर को भेजकर इसकी जांच करा लेंगे।

यदि कोई दोषी पाया गया तो उन पर सख्त कार्रवाई भी की जाएगी। गौरतलब है कि इंदौर में पकड़ी गई लाखों की नशे की दवाओं का सप्लायर पिछोर का ही मेडिकल संचालक निकला था उसे इंदौर से आई विशेष टीम अपने साथ ले गई थी। इसके बाद भी यहां पर बिना कोई डिग्री के दवाएं दी जा रही हैं। नगर में करीब 35 दुकानें संचालित हो रही हैं जिनमें 90 फीसद के लाइसेंस किसी बाहरी व्यक्ति के नाम पर हैं। एसडीएम केआर चौकीकर का कहना है कि संबंधित विभाग के अधिकारियों की एक टीम के द्वारा हम मामले को दिखवाते हैं। इस तरह के अगर कोई मेडिकल स्टोर पाये जाते हैं तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी।