मुंबई। सरकार ने कोरोना संक्रमण से उपजे हालात के चलते वेंटिलेटर निर्माताओं को 120,000 वेंटिलेटर सप्लाई करने के लिए तैयार रहने को कह दिया है। वेंटिलेटर की सप्लाई बढऩे से कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों के मरने की दर में लगभग 85-90 प्रतिशत तक की कमी आने का अनुमान है।
ऐतिहासिक तौर पर, वेंटिलेटर के लिए बाजार छोटा बना हुआ है और इसका आकार लगभग 7,000 यूनिट का है। हालांकि कोरोनावायरस के प्रसार की वजह से सरकार और संबद्घ संयुक्त कार्य बल समितियों ने हाल के समय में निर्माताओं से कहा है कि उन्हें जल्द ही 100,000 से 120,000 के बीच वेंटिलेटरों की आपूर्ति करने की जरूरत होगी।
वेंटिलेटर निर्माताओं पर यह दबाव ऐसे समय में देखा जा रहा है, जब केंद्र सरकार वाहन निर्माताओं से वेंटिलेटर मुहैया कराने के लिए अपनी सुविधाओं का इस्तेमाल करने को कहा है। इसके अलावा, स्वास्थ्य मंत्रालय ने भारत इलेक्ट्रॉनिक्स (बीईएल) से स्थानीय निर्माताओं के साथ मिलकर अगले दो महीने में 30,000 वेंटिलेटर का निर्माण करने को कहा है। सरकार के आदेश के बाद कई स्थानीय वेंटिलेटर निर्माताओं ने उत्पादन में तेजी लाने के लिए वाहन निर्माताओं के साथ भागीदारी पर जोर दिया है। ऐसी एक कंपनी मैसूर स्थित स्कैनरे टेक्नोलॉजीज है।
स्कैनरे का उत्पादन औसत तौर पर सालाना 2,000-2,500 वेंटिलेटर है। हालांकि तेज मांग को पूरा करने के लिए वह अगले महीने में कम से कम 5,000 और उसके बाद के सप्ताहों में 30,000 वेंटिलेटर के निर्माण की संभावना तलाश रही है। स्कैनरे के प्रबंध निदेशक विश्वप्रसाद अल्वा का कहना है कि इस संबंध में कंपनी ने एसयूवी निर्माता महिंद्रा ऐंड महिंद्रा के साथ समझौता किया है। उन्होंने कहा कि मौजूदा समय में, एमऐंडएम में लगभग 30 इंजीनियर इस संबंध में स्कैनरे के अधिकारियों के साथ बातचीत कर रहे हैं।
अल्वा ने कहा कि हम एग्रीगेटर नहीं हैं और यदि हमें अन्य आपूर्तिकर्ताओं से कलपुर्जे नहीं मिलते हैं तो इस दिशा में काम करने की जरूरत होगी। यही वजह है कि हम यह सुनिश्चित करने के लिए वाहन निर्माताओं के साथ बातचीत कर रहे हैं कि क्या उनके सेंसर को वेंटिलेटर इस्तेमाल के लिए कॉन्फिगर किया जा सकेगा या नहीं। मौजूदा समय में भारत समेत कई देशों ने वेंटिलेटर का निर्यात प्रतिबंधित कर दिया है। अल्वा ने कहा कि वेंटिलेटरों की उपलब्धता मरीजों के 90 प्रतिशत ठीक होने का अवसर प्रदान करेगी।
मुंबई स्थित निर्माता अवी मेडिकल के प्रबंध निदेशक चिराग गाला का कहना है कि उनसे कहा गया है कि जल्द ही 120,000 वेंटिलेटर की जरूरत है। उन्होंने संभावित भागीदारी के लिए अशोक लीलैंड के साथ भी बातचीत की है। अवी मेडिकल की क्षमता सालाना लगभग 1,500 वेंटिलेटर निर्माण की है, लेकिन नवजात के लिए निर्मित वेंटिलेटरों की क्षमता अन्य के मुकाबले 10 गुना कम होती है और इसलिए उन्हें पुन: विकसित करने की जरूरत होगी।