कानपुर। कोरोना वायरस के इलाज में कारगर डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट आर्गेनाइजेशन (डीआरडीओ) द्वारा तैयार 2-डीजी दवा जल्द ही जिले के सबसे बड़े एलएलआर अस्पताल (हैलट) में उपलब्ध होगी। जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने अस्पताल में इस दवा के पांच सौ पैकेट मुहैया कराने के लिए डिमांड भेजी है। कॉलेज प्रशासन ने उत्तर प्रदेश मेडिकल सप्लाई कॉरपोरेशन को जल्द से जल्द दवा मुहैया कराने के लिए पत्र भी लिखा है। यह नई दवा थोक बाजार में भी अभी नहीं उपलब्ध है, न ही किसी निजी अस्पताल में।
ड्रग कंट्रोल जनरल ऑफ इंडिया (डीजीसीआई) से अनुमति के बाद मई से लेकर इस दवा का दिसंबर 2020 तक दूसरे-तीसरे चरण का क्लीनिकल ट्रॉयल किया गया। पाया गया कि यह कोरोना संक्रमित मध्यम एवं गंभीर मरीजों में कारगर है। इस दवा के इस्तेमाल से तेजी से ऑक्सीजन का लेवल बढ़ता है। कोरोना की निगेटिव रिपोर्ट भी जल्दी आती है। डीजीसीआई से इमरजेंसी इस्तेमाल की अनुमति के बाद कंपनी ने सभी राज्यों के प्रमुखों को दवा मुहैया कराने को पत्र लिखा था। डॉ. रेड्डी लेबोरेटरी पत्र का हवाला देते हुए प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा ने महानिदेशक चिकित्सा शिक्षा के माध्यम से जीएसवीएम समेत सभी राजकीय मेडिकल कॉलेजों के प्राचार्यों को पत्र लिखा था। उसमें कहा था कि कोरोना के इलाज के लिए जरूरत के हिसाब से अपनी मांग उत्तर प्रदेश मेडिकल सप्लाई कॉरपोरेशन को भेजें ताकि दवा उपलब्ध कराई जा सके।
कोरोना पर कारगर, संक्रमण भी रोकती
डीआरडीओ एवं हैदराबाद की डॉ. रेड्डी लेबोरेटरी ने मिलकर 2-डीजी (डीऑक्सी-डी-ग्लूकोज) तैयार की है। डीआरडीओ की नाभिकीय औषधि एवं संबद्ध विज्ञान संस्थान (आइएनएमएएस) के वैज्ञानिकों ने हैदराबाद स्थित सेंटर फॉर सेल्यूलर एंड मॉलिक्यूल बायोलॉजी के साथ मिलकर लैब में ट्रॉयल किया। इस दौरान पाया गया कि यह कोरोना वायरस पर कारगर है और संक्रमण को भी रोकती है।
पाउडर के रूप में उपलब्ध होगी 2-डीजी
डीआरडीओ की 2-डीजी दवा पाउडर के रूप में पैकेट में आती है। इसे पानी में घोलकर पीना होता है। बताया जा रहा है कि इसके एक पैकेट का अनुमानित मूल्य 600-700 रुपये के बीच होने की संभावना है।
कॉलेज में 500 पैकेट की डिमांड का पत्र बनाकर उत्तर प्रदेश मेडिकल सप्लाई कॉरपोरेशन को भेजा है। इससे महानिदेशक चिकित्सा शिक्षा के माध्यम से शासन को भी अवगत करा दिया है। -प्रो. आरबी कमल, प्राचार्य, जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज।