बद्दी (हप्र)। केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) ने देशभर में बनने वाली कुल 38 दवाइयों को मानकों पर खरा नहीं पाया है। इनमें छह दवाइयां हिमाचल प्रदेश के दवा उद्योगों में बनी हैं। अन्य राज्यों के दवा उद्योगों में निर्मित 32 तरह की दवाएं सबस्टैंडर्ड मिली हैं। गुणवत्ता रहित मिली दवाओं में कैंसर, घुटनों के दर्द, मधुमेह, संक्रमण, बुखार, अनीमिया, गैस्ट्रिक, अल्सर, विटामिन बी 12 की कमी के इलाज में इस्तेमाल होने वाली दवाएं, इंजेक्शन व मुहांसों के उपचार में इस्तेमाल होने वाली क्रीम शामिल हैं।
गौरतलब है कि फरवरी माह में सीडीएससीओ ने देशभर के अलग-अलग राज्यों से 1271 दवाओं के सैंपल लिए थे। इनमें से जांच के दौरान 38 दवाएं सबस्टैंडर्ड पाई गई हैं। सीडीएससीओ के ड्रग अलर्ट के बाद राज्य दवा नियंत्रक प्राधिकरण ने तमाम संबंधित दवा उद्योगों को नोटिस जारी कर बाजार से फेल हुए दवा उत्पादों का पूरा बैच हटाने के आदेश जारी कर दिए हंै। प्राधिकरण ने संबंधित क्षेत्रों के दवा निरीक्षकों को उक्त उद्योगों का निरीक्षण कर विस्तृत रिपोर्ट सौंपने की भी हिदायतें जारी की हंै। सीडीएससीओ के ड्रग अलर्ट में इस बार हिमाचल के छह उद्योगों में निर्मित दवाएं सबस्टैंडर्ड पाई गई हैं। यह उद्योग बद्दी बरोटीवाला, नालागढ़ व कांगड़ा में स्थापित हैं। कांगड़ा के संसारपुर टैरेस स्थित उद्योग की दवाएं इस बार भी गुणवत्ता पैमाने पर खरी नहीं उतर सकी हंै। इस बारे में राज्य दवा नियंत्रक प्राधिकरण के बद्दी स्थित डिप्टी ड्रग कंट्रोलर मनीष कपूर ने बताया कि संबंधित दवा उद्योगों को कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया गया है और फेल हुई दवा का पूरा स्टाक बाजार से हटाने के आदेश दे दिए हंै। संबंधित क्षेत्रों के दवा निरीक्षकों को इन लापरवाह उद्योगों का निरीक्षण कर रिपोर्ट सौंपने को कहा है।