बीबीएन। बुखार, बीपी समेत 38 दवाओं के सैंपल जांच में फेल पाए गए हैं। केद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन और राज्य दवा नियामकों ने इनकी जांच की थी। सीडीएससीओ ने अक्तूबर माह का ड्रग अलर्ट जारी किया है। इनमें 37 तरह की दवाएं ,इंजेक्शन व आई ड्रॉप्स हिमाचल के 33 उद्योगों में निर्मित हैं और क्वालिटी टेस्ट में फेल मिली हंै। इन दवाओं का इस्तेमाल दर्द, गैस्ट्रोइसोफेगल रिलक्स रोग, काला बुखार ,एनीमिया, हार्ट फेल, हाईबीपी, चेचक, संक्रमण व मधुमेह के इलाज के लिए किया जाता है। इसके अलावा, पशुओं में संक्रमण के इलाज का इंजेक्शन भी जांच में खरा नहीं उतरा है।

इन उद्योगों की हैं ये दवाएं

जांच में अमानक पाई गई दवाओं व इंजेक्शन का निर्माण कालाअंब, बीबीएन,परवाणू, सोलन, कांगड़ा के संसारपुर टैरेस में हुआ है। ओडिशा, एमपी, गुजरात, महाराष्ट, हरियाणा, पश्चिम बंगाल, तेलंगाना, उतराखंड़ ,सिक्किम, पंजाब, मुंबई , तिरुवंतपुरम स्थित दवा उद्योगों में निर्मित 53 वाएं व इंजेकशन भी सबस्टेंडर्ड निकले हंै। हिमाचल के सभी उद्योगों को नोटिस जारी कर दवा व इंजेक्शन का पूरा बैच बाजार से वापस मंगवाने के निर्देश दिए गए हैं।

ये दवाएं मिली अमानक

सूची में शामिल प्रमुख दवा सैंपल में सेफेम-200 टैबलेट, सेफपोडोक्साइम प्रोक्सेटिल डिस्पर्सिबल टैबलेट, डिवलप्रोएक्स सोडियम एसआर टैबलेट, विटामिन बी कॉ प्लेक्स टैबलेट, इट्राकोनाजोल कैप्सूल अमानक पाए गए। वहीं, सेफिक्साइम डिस्पर्सिबल टैबलेट, ऑर्सेमाइड टैबलेट, कफ डीएम सिरप, मोंटेलुकास, सिप्रो लोक्सासिन हाइड्रोक्लोराइड, टायरप्सिन काइमोट्रिप्सिन टैबलेट, रोजुटिन दस टैबलेट और रैबलकेम कैप्सूल पुेल मिले हैं।

राज्य औषधि नियंत्रक मनीष कपूर ने बताया कि ड्रग अलर्ट में शामिल बैचों को बाजार से वापस लेने के निर्देश दे दिए हैं। कंपनियों को अपेक्षित अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए नोटिस जारी किए जा रहे है। उन्होंने कहा कि जिन कंपनियों के बार-बार सैंपल फेल हो रहे है उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

ये इंजेक्शन गुणवता विहिन मिले

सीडीएससीओ की जांच में आठ इंजेक्शन सबस्टैंडर्ड निकले हैं। इनमें मतली और उल्टी के इलाज के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला प्रोक्लोरपेरजाइन मेसिलेट इंजेक्शन शामिल है। एंबिलिप इंजेक्शन बैक्टीरियल एंडोटॉक्सिन से ग्रस्त है और इसमें ए फोट फॉस्फेट इंजेक्शन की परख का अभाव है। साथ ही बीटामेथ्सानो सोडियम फॉस्फेट इंजेक्शन में कणिका तत्व पाए गए। श्वसन पथ के इलाज के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले एनरॉक्सासिन इंजेक्शन में ‘पीएच’ की दिक्कत मिली। बैक्टीरियल इंजेक्शन के लिए इस्तेमाल होने वाला टाइकोन एस इंजेक्शन, ए पुसिलीन आईजी इंजेक्शन और मैनक्लाव इंजेक्शन भी सूची में शामिल हैं।

देशभर में 90 दवाओं की गुणवता पर सवाल

सीडीएससीओ ने देशभर से लिए सैंंपल में 90 दवाएं अमानक पाई गई। इनमें 28 दवाएं, आठ इंजेक्शन व एक आई ड्रॉप हिमाचल प्रदेश की 33 दवा कंपनियों में बने हैं। जांच में कुल 56 दवा उत्पाद के सैंपल फेल हुए है। इस सूचि में हिमाचल के 24 सैंपल शामिल है, जबकि राज्य दवा नियामकों दवारा की गई जांच में कुल 34 सैंपल फेल हुए हैं।