नई दिल्ली। राजधानी में नशे का नेटवर्क फैलाने वाला मेडिकल रिप्रजेंटेटिव (एमआर) पकड़ा गया। साइबर सेल ने उसके एजेंट और उस दवा दुकान के संचालक को भी गिरफ्तार किया जो चोरी छिपे प्रतिबंधित दवाएं बेचता था। दरअसल एसएसपी अजय यादव को इनपुट मिला था कि नए साल के जश्न के लिए बड़े पैमाने पर अवैध नशे की तस्करी हो रही है। उनके इनपुट के बाद साइबर सेल की टीम ने तहकीकात शुरू की। गुढ़ियारी में सुरेश जायसवाल के बारे में इनपुट मिला। सेल के जवानों ने पहले ग्राहक बनकर उससे कुछ बोतलें खरीदी। दो दिन बाद फिर जवान पहुंचे और उससे कहा कि उन्हें ज्यादा स्टॉक चाहिए। उसने पहाड़ी चौक स्थित मां दुर्गा मेडिकल स्टोर्स का पता बताया।
पुलिस के जवान दुकान संचालक हरीश साहू से सौदागर बनकर मिले। उसने दो दिन चक्कर कटवाए। विश्वास होने पर उसने एक पेटी सिरप बिना बिल दे दी। जवानों ने उसे पकड़ा और हिरासत में लेकर सख्ती से पूछताछ की। उसने अशोक नगर गुढ़ियारी के कुंजी लाल ठाकरे का क्लू दिया। पुलिस ने कुंजी लाल को दबोचा। उसके पास से भी एक पेटी सिरप जब्त की गई। उससे घंटों पूछताछ के बाद खंडेलवाल का पता चला। पुलिस ने खंडेलवाल के मौदहापारा स्थित निवास पर दबिश दी। उसके पास से एक पेटी सिरप मिली और डायरी मिली। उसमें संदिग्ध लेन-देन का हिसाब मिला।
सेल के अफसरों ने बताया कि अब तक 500 शीशी प्रतिबंधित नशीली कफ सिरप (कोडिन फाॅस्फेट) जब्त कर लिया है। उनके खिलाफ मौदहापारा थाने में धारा 21 एनडीपीएस एक्ट के तहत एफआईआर दर्ज किया गया है। तो वहीं दूसरी तरफ साइबर सेल के प्रभारी रमाकांत साहू ने बताया कि दीपक से पूछताछ में जो इनपुट मिला है, उसके मुताबिक उसे सबसे ज्यादा स्टॉक राजनांदगांव वाला लिंक ही दिया करता था। वह सीधे पेटियों में स्टॉक सप्लाई करता था। दीपक ने कई बार मुंबई से भी सीधे नशीली कफ सिरप मंगवायी है। पूरा स्टाॅक माल वाहक ट्रक में चोरी छिपे या लग्जरी कारों में लाया जाता था। सड़क मार्ग से आने के कारण कफ सिरप की पेटियां आसानी से पहुंचती रही। पुलिस को अब तक जो क्लू मिला है, उसके मुताबिक विजय खंडेलवाल पिछले डेढ़ साल से नशीली दवा का रैकेट चल रहा है।
मेडिकल रिप्रजेंटेटिव होने के कारण उसका दवा कंपनियों से लिंक है। बतादें कि साइबर सेल के जवानों ने रैकेट का भंडाफोड़ करने तीन दिनों तक स्टिंग ऑपरेशन किया। वे खुद नशीली दवा के सौदागर बनकर पहुंचे। मोहल्लों में तस्करी करने वाले कुछ बोतलें खरीदी। उसके बाद पेटियां खरीदने का झांसा देकर दवा दुकान पहुंचे। उसके बाद बड़ा स्टॉक लेने का झांसा देकर एजेंट और फिर मेडिकल रिप्रजेंटेटिव तक पहुंचे और उन्हें दबोचा। अब मुंबई और राजनांदगांव में छापेमारी की तैयारी है। मेडिकल रिप्रजेंटेटिव मुंबई और राजनांदगांव से ही नशीली दवाओं की पेटियां मंगवाता था। साइबर सेल के अफसरों को शक है कि प्रतिबंधित कफ सिरप सीधे दवा फैक्ट्री से ही नंबर दो यानी बिना बिल के सप्लाई हो रहे हैं। मेडिकल रिप्रजेंटेटिव दीपक खंडेलवाल के मोबाइल को जब्त कर कॉल का रिकार्ड खंगाला जा रहा है। कुछ संदिग्ध नंबरों के साथ आधा दर्जन नाम सामने आए हैं। राजनांदगांव के संदिग्ध की नशे के रैकेट में अहम भूमिका मानी जा रही है।