कुरुक्षेत्र। कोरोना काल में एलएनजेपी अस्पताल दवा उपलब्ध कराने वाली कंपनियों का डिफाल्टर हो गया है। अस्पताल पर 70 लाख रुपये का कर्ज चढ़ गया है। पैसा अदा नहीं करने की वजह से इसका खामियाजा मरीजों को भुगतना पड़ रहा है। अस्पताल में इनडोर और आउट डोर आने वाले मरीजों को सारी दवाएं नहीं मिल पा रही। इतना ही नहीं अस्पताल के आपरेशन थियेटर तक में जरूरी इंजेक्शन की किल्लत हो गई है।

एलएनजेपी अस्पताल की चिकित्सा अधीक्षक डा. साराह अग्रवाल ने बताया कि यह राशि काफी पुरानी अटकी हुई है। हाल ही में 20 लाख रुपये एजेंसियों में डिस्ट्रिब्यूट किया गया था। अब फिर से सिविल सर्जन कार्यालय से मांग की गई है। जैसे ही बजट मिलेगा तो सबकी पेमेंट कर दी जाएगी। एलएनजेपी अस्पताल के आपरेशन थियेटर और इनडोर में प्रयोग होने वाले कई जरूरी इंजेक्शन और दवाएं करनाल वेयर हाउस से नहीं मिलती। इसके अलावा ओपीडी में मरीजों को दी जाने वाली दवाएं भी वेयर हाउस से पूरी मात्रा में नहीं मिल पाती।

कफ सिरअप, जलन जैसी सामान्य दवाओं की भी अस्पतालों की ओर से अपने स्तर पर खरीद करनी पड़ती है। इसके लिए एलएनजेपी अस्पताल को मुख्यमंत्री मुफ्त इलाज योजना के तहत अस्पताल को हर तीमाही लाखों रुपये का बजट भी दिया जाता है। इसके बावजूद अस्पताल प्रशासन दवा उपलब्ध कराने वाली कंपनियों का भुगतान नहीं कर पा रहा है। ऐसे में एमएमईवाइ प्रोजेक्ट का पैसा कहां जा रहा है यह भी जांच का विषय है। प्रोपोफोल और थायपैंटोन इंजेक्शन के लिए भी स्टाफ को हाथ पसारने पड़ रहे हैं।

यह तब है जब कोरोना वायरस से लोगों को बचाने के लिए सरकार सबसे ज्यादा सरकारी अस्पतालों को मजबूत करने में जुटी है और बेहतर से बेहतर उपकरण उपलब्ध करा रही है। हर तीन माह में अस्पताल प्रशासन को दवाओं के लिए लाखों रुपये का बजट उपलब्ध कराया जाता है। इसके बावजूद दवाओं के नाम खर्च करने के लिए अस्पताल प्रशासन के पास पैसे की कमी है।