कैंसर एक ऐसी घातक बीमारी है जिससे लगभग दुनिया भर के अधिकतर देश के लोग ग्रसित हैं। ये बीमारी एक साइलेंट किलर की तरह काम करती है। इसके इलाज में इस्तेमाल होने वाली दवाएं काफी महंगी होती है। लेकिन भारत 90 में से 42 कैंसर की दवाएं सस्ती कीमत पर उपलब्ध कराता है। इस बात की जानकारी खुद केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने दी।
संजीवनी का मुख्य उद्देश्य कैंसर के प्रति जागरुकता को बढ़ावा देना
“संजीवनी: यूनाइटेड अगेंस्ट कैंसर” पहल के उद्घाटन के अवसर पर स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि ‘संजीवनी’ का मुख्य लक्ष्य कैंसर के प्रति जागरूकता को बढ़ावा देना है। लोगों को इस बीमारी से जुड़ी जानकारी देनी है ताकि उनका डर दूर हो सके। उन्होंने कहा कि हम कैंसर अस्पतालों और देखभाल केंद्रों की संख्या बढ़ा रहे हैं। हेल्थ सेक्टर को लेकर हमारा एप्रोच हॉलिस्टिक है। हम MBBS और पोस्ट-ग्रेजुएट मेडिकल सीट और कॉलेज की संख्या बढ़ा रहे हैं। हम मेडिकल की शिक्षा के लिए साधन तैयार कर रहे हैं। आयुष्मान भारत हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर मिशन इस दिशा में काम कर रहा है। हमने मंगलवार को फार्मा पॉलिसी लॉन्च की। जेनरिक मेडिसिन में हम फार्मेसी ऑफ द वर्ल्ड हैं।
स्वास्थ्य एक राजनीतिक और व्यावसायिक मुद्दा नहीं
मांडविया बोले कि स्वास्थ्य कभी एक राजनीतिक या व्यावसायिक मुद्दा नहीं हो सकता। यह भारत के लिए सेवा है। समय के साथ बीमारियों के पैटर्न बदल रहे हैं। हेल्थ सेक्टर को लेकर होलिस्टिक एप्रोच रहना जरूरी है। हेल्थ कभी एक राजनीतिक मुद्दा नहीं हो सकता। साल 2014 से हमने स्वास्थ्य को विकास के साथ जोड़ दिया है। यह काम सिर्फ संकेत के लिए नहीं किया गया। केवल डिस्पेंसरी खोलने के बजाय, हमने स्वास्थ्य सेवाओं को सभी के लिए सुलभ बनाने पर ध्यान केंद्रित किया।
संजीवनी पहल गंभीर बीमारियों पर विचार-विमर्श को बढ़ावा देगी। इस पर एक नोट हमें भेजें ताकि हम लोगों से आने वाले सुझावों पर नजर रख सकें।
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