बद्दी (हिमाचल प्रदेश)। हिमाचल के दवा निर्माताओं की दवाइयां उद्योगों के मानकों पर खरा नहीं उतर पाई हैं। जुलाई माह के केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) के जुलाई माह के ड्रग अलर्ट में देशभर की 23 दवाओं में से हिमाचल के 7 उद्योगों की दवाओं के सैंपल फेल हो गए हैं। इनमें कालाअंब जिला सिरमौर की तीन, परवाणु की दो, बरोटीवाला व सोलन की एक-एक दवा शामिल है।
गौरतलब है कि हिमाचल ने दवा निर्माण क्षेत्र में विश्व के मानचित्र पटल पर अपना नाम कमाया है, लेकिन हर माह जारी होने वाले केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) द्वारा जारी किए जाने वाले ड्रग अलर्ट में हर बार दवाएं मानकों पर खरा नहीं उतरती हैं। परवाणु की लेगेन हेल्थकेयर सेफ्यूरोक्सिम-250 के दो बैच, कालाअंब की कांसकैफ की ऐसिको-एसपी, बद्दी की जुडडी खुर्द की निर्माणया फार्मास्यूटिकल की एनिलेवो-एम, कालाअंब की ओरिसन फार्मा इंटरनेशनल की स्वीट एपीएस और कैलमोपी, सोलन की कोरोना रिमेडिज जटोली सोलन की कोरटेल-40 शामिल हैं। इन दवाओं की जांच सीडीएल कोलकता, आरडीटीएल गुहावटी और आरडीटीएल चंडीगढ़ में हुई हैं। फेल हुए सैंपलों की दवा जोड़ों के दर्द बुखार, एंटी एलर्जी, फंगल संक्रमण, वैक्टीरियल संक्रमण, ब्लड प्रेशर, एंटी कनवेल्सेट आदि के उपचार में काम में आती है। राज्य दवा नियंत्रक नवनीत मारवाह ने बताया कि जिन उद्योगों की दवाइयोंं के सैंपल फेल हुए हैं। उन्हें नोटिस जारी कर दिया गया है और फेल हुए सैंपलों के बैच मार्किट से वापिस मंगवाने के निर्देश जारी कर दिए गए हैं।