धर्मशाला। मेडिकल स्टोर में दूसरे के लाइसेंस पर दवा बेचने वालों की अब खैर नहीं है। राज्य औषधि नियंत्रण विभाग ने लाइसेंसशुदा फार्मासिस्टों पर निगरानी तेज करने के आदेश जारी किए हैं। उच्च अधिकारियों के अनुसार कई ऐसी शिकायतें आई हैं कि मेडिकल स्टोर के लाइसेंस जिस फार्मासिस्ट के नाम हैं, वे वहां नहीं बैठते बल्कि स्टोर में दवा देने का काम अन्य कर्मचारी करते हैं। इससे कई बार गलत दवा दे दी जाती है। इससे लोगों के स्वास्थ्य से खिलवाड़ और कानूनों का उल्लंघन हो रहा है। राज्य औषधि नियंत्रण प्राधिकरण के निर्देशों के मुताबिक प्रदेश के मेडिकल स्टोरों में अगर पंजीकृत फार्मासिस्ट की जगह कोई अन्य दवा बेचता पाया गया तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। जिला औषधि नियंत्रण अधिकारी को यह सुनिश्चित करना है कि मेडिकल स्टोर में सिर्फ वहीं फार्मासिस्ट बैठे, जिसके नाम स्टोर का लाइसेंस है। ड्रग कंट्रोलर अथॉरिटी इसके साथ ही हिदायत देती रही है कि भविष्य में मेडिकल स्टोर चलाने को लाइसेंस के लिए जब कोई फार्मासिस्ट आवेदन करे तो विभाग के कार्यालय आकर उसके पक्ष में गवाही दें कि वह फार्मासिस्ट के रूप में कहीं नौकरी नहीं करता है।