नई दिल्ली। यूरिन इन्फेक्शन की समस्या से जूझ रहे रोगियों के लिए राहत भरी खबर है। अब एक ऐसी डिवाइस बनाई गई है जिसे रोगी में प्रत्यारोपित करने पर मूत्राशय (ब्लैडर) संबंधी समस्याओं का निदान हो सकता है। अमेरिका की वाशिंगटन यूनिवर्सिटी और नार्थवेस्टर्न यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने यह डिवाइस विकसित की है। इससे मूत्राशय में अतिसक्रियता की पहचान करने के साथ ही बायोइंटिग्रेटेड एलईडी के प्रकाश के उपयोग से उसे ठीक भी किया जा सकता है। शोधकर्ताओं ने प्रयोगशाला में चूहों पर किए गए परीक्षण में पाया कि इस डिवाइस से उन लोगों को मदद मिल सकती है जिन्हें बार-बार पेशाब करने की जरूरत पड़ती है। ऐसे लोगों को मूत्राशय की अतिसक्रियता के चलते दर्द, जलन और पेशाब करने की समस्या का सामना करना पड़ता है। इस डिवाइस से ऐसे लोगों को राहत मिल सकती है। ब्लैडर संक्रमण को साइस्टिसिस और ब्लैडर में सूजन भी कहा जाता है। यह समस्या महिलाओं में काफी सामान्य है, लेकिन आमतौर पर पुरुष इस समस्या से ग्रस्त नहीं होते। कुछ दुलर्भतम मामलों में ही पुरुषों को इससे पीडि़त देखा जाता है। एक अनुमान के अनुसार आधे से अधिक महिलाएं अपने जीवन में कभी न कभी ब्लैडर संक्रमण से जरूर प्रभावित होती हैं। हालांकि, पुरुषों में यह रोग काफी असामान्य है, लेकिन उम्र के साथ उनमें भी ब्लैडर संक्रमण होने की आशंका बढ़ जाती है। ऐसा अंडकोश के आकार में बढ़ोत्तरी होने के कारण होता है।
ब्लैडर इनफेक्शन संबंधी परेशानी होने पर ज्यादातर डॉक्टरों द्वारा रोगी को एमोक्सीसिलिन, एम्पीसिलिन और सिपरोफ्लोक्सिन का सेवन करने की सलाह दी जाती हैं।