गुरुग्राम। फार्मेसी का लाइसेंस किराए पर लेकर मेडिकल स्टोर चलाने के कई मामले सामने आए हैं। जिला औषधि नियंत्रण विभाग ने मानेसर क्षेत्र में ऐसी पांच दुकानों पर कार्रवाई कर उन्हें सील कर दिया। इन दुकानों में जिन फार्मासिस्ट के नाम पर लाइसेंस जारी है वह खुद वहां मौजूद नहीं थे। उनकी अनुपस्थिति में ही दुकान संचालक लोगों को दवाइयां बेच कर उनके बिल काट रहे थे। बता दें कि नियमानुसार केवल पंजीकृत फार्मासिस्ट ही दवाइयां बेच सकता है और बिल पर हस्ताक्षर कर सकता है। जिला औषधि नियंत्रक अमनदीप चौहान ने बताया कि काफी समय से फार्मेसी लाइसेंस किराये पर लेकर दवा की दुकानें खोलने की शिकायतें मिल रही थी। इन्हीं के आधार पर यह छापेमारी की गई। मानेसर में इस अभियान के तहत नितेश मेडिकल स्टोर, श्रीराम मेडिकल स्टोर, हर्ष मेडिकल स्टोर, और न्यू श्री ओम मेडिकल स्टोर सहित खरखरी के अशोक मेडिकल स्टोर पर छापेमारी की गई। जांच में सामने आया कि इन दवा दुकानों का संचालन दूसरे फार्मासिस्ट से किराये पर लाइसेंस लेकर किया जा रहा था। हरियाणा स्टेट फार्मेसी काउंसिल से जिन फार्मासिस्ट के नाम यह लाइसेंस जारी थे, वह खुद दूसरी कंपनियों में काम कर रहे हैं। वहीं, जांच में यह भी खुलासा हुआ कि इन दुकानों पर पंजीकृत फार्मासिस्ट की अनुपस्थिति में ही दुकान संचालक शेड्यूल एच, एच-1 और एनआरएक्स एलोपैथिक आदि दवाओं की बिक्री भी कर रहे थे। जबकि केवल पंजीकृत फार्मासिस्ट ही खुद इन्हें बेच सकता है। दुकानदारों द्वारा लोगों को खुद ही बिल भी काट कर कैश मेमो जारी किया जा रहा था। बिल पर भी केवल पंजीकृत फार्मासिस्ट के हस्ताक्षर ही मान्य है। जिला औषधि नियंत्रक अमनदीप चौहान ने बताया कि किराये पर लाइसेंस लेकर चल रही 5 दवा दुकानों को सील किया है। जिनके नाम पर फार्मेसी लाइसेंस जारी थे, उनका लाइसेंस रद्द करने के लिए भी मुख्यालय को लिख दिया है। इस तरह चल रही अन्य दुकानों की भी जानकारी जुटाई जा रही है। जल्द ही उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।