फुलवारी शरीफ, पटना (बिहार)। ड्रग विभाग की टीम ने पुलिस के साथ रामकृष्णानगर की अंबिकानगर कॉलोनी में अवैध रूप से आयुर्वेदिक दवा बनाने वाली फैक्ट्री पर दबिश दी। पता चला कि यह फैक्ट्री किराए के मकान में चार वर्षों से बिना लाइसेंस के चल रही थी। छापेमारी में करीब आठ लाख रुपए की आयुर्वेदिक दवा जब्त की गई। इसके अलावा फैक्ट्री से उपकरण जब्त किए गए हैं। फैक्ट्री का संचालक मौके से फरार बताया गया है। ड्रग इंस्पेक्टर कमरूद्दीन अंसारी ने बताया कि रामकृष्णानगर के जकरियापुर स्थित अंबिका कॉलोनी के मकान में अवैध रूप से आयुर्वेदिक दवा बनाने वाली फैक्ट्री में छापेमारी की गई। यहां से करीब आठ लाख रुपए की आयुर्वेदिक गोलियां जब्त की गईं। फैक्ट्री से मशीन भी जब्त की गई है। धंधेबाज वाल्मिकी किराए के मकान में फैक्ट्री से दवा बनाकर स्टोर करता था। यहीं से बाहर माल सप्लाई करता था। छापेमारी की भनक लगते ही वह मौके से भाग निकला। इस धंधे में मकान मालिक के बेटों की भी मिलीभगत की बात सामने आ रही है।
जांच में पता चला कि अंग्रेजी दवा डेरिफाईलिन, निमोस्लाइड और एन्टी एलर्जिक दवा सीपीएम को पीस कर पाउडर तैयार किया जाता था। इसके बाद मिलाकर आयुर्वेदिक गोली के रूप में तैयार करते थे। यहां साइटिका, कमर के दर्द, गठिया, जोड़ों के दर्द व घुटनों के दर्द के नाम पर दवा तैयार कर बेची जाती थी। कई बोरियों में दवाएं मिली हैं। मकान मालिक स्व. राजकुमार के बेटे ने बताया कि चार साल पहले उनके पिता ने वाल्मीकि को नीचे का फ्लैट किराये पर दिया था। छापेमारी टीम में राजेश प्रसाद सिन्हा, राजेश कुमार, संजय पासवान व ड्रग इंस्पेक्टर सत्यनारायण मौजूद थे। ड्रग इंस्पेक्टर ने बताया कि फैक्ट्री से तीन अंग्रेजी दवा की गोलियां काफी संख्या में बरामद की गई हैं। इन तीनों अंग्रेजी दवाओं को मिलाकर चंदा आयुर्वेदिक फार्मेसी में दर्द निवारक गोलियां बनायी जाती थी।