लखनऊ। हाईकोर्ट ने फार्मासिस्टों के बगैर चल रहे मेडिकल स्टोरों की खिलाफ कार्रवाई का ब्योरा प्रदेश सरकार से तलब किया है। कोर्ट ने सरकार को जवाब देने के लिए तीन सप्ताह का समय दिया है। इससे पहले सरकार ने कोर्ट को बताया था कि अदालत के आदेश के अनुपालन में मेडिकल स्टोरों और फार्मा के रजिस्ट्रेशन को दुकान मालिक और फार्मासिस्ट के आधार के साथ लिंक करना शुरू किया जा चुका है। प्रदेश में कुल 1,24,632 दवा के रिटेल व होलसेल पंजीकृत स्टोर हैं। फार्मासिस्टों की संख्या मात्र 88,65 है। यह आदेश जस्टिस पीके जायसवाल व जस्टिस जसप्रीत सिंह की बेंच ने आशा मिश्रा की ओर से दाखिल जनहित याचिका पर पारित किया। राज्य सरकार की ओर से एफएसडीए के आयुक्त ने हलफनामा दाखिल करते हुए बताया कि कोर्ट के मई 2017 के आदेश के अनुपालन में ऑनलाइन लाइसेंसिंग सिस्टम लागू करते हुए सभी लाइसेंस को फार्मासिस्ट और दुकान मालिक के आधार से लिंक किया गया है। विभाग की कार्रवाई में साल 2017-18 में बिना फार्मासिस्टों के चल रहे 2,532 रिटेल लाइसेंस निलंबित किए गए, जबकि 781 लाइसेंस कैंसल हुए। साल 2018-19 में 2,815 रिटेल लाइसेंस निलंबित किए गए, जबकि 516 लाइसेंस कैंसल हुए। इस पर कोर्ट ने अब तक की कार्रवाई का विस्तृत ब्योरा हलफनामे के जरिये दाखिल करने का आदेश आयुक्त को दिया है।