पटना (बिहार)। दिल्ली से पटना में नकली दवाइयां खपाने की तैयारी का मामला सामने आया है। नए मामले में नकली दवाएं दुकानों पर पहुंचने से पहले ही इन्हें जब्त कर लिया गया। जानकारी अनुसार औषधि निरीक्षक संदीप साह को सूचना मिली कि दो सौ कार्टून से अधिक दवाओं की खेप पटना पहुंच गई है। वे टीम के साथ जब दवा बाजार गोविंद मित्रा रोड पहुंचे तो भारी मात्रा में दवाएं बिना कागजात के संदिग्ध फेंकी हुई मिलीं। टैक्स चोरी के साथ नकली दवाओं के बड़े खेल से पर्दा उठाने के लिए औषधि निरीक्षक ने 25 दवाओं के सैंपल लेकर जांच के लिए भेजे है। नकली दवा के तार आधा दर्जन से अधिक दुकानों से जुड़े है। कई संबंधित दुकानों से भी सैंपल लिए हैं। पुलिस ने इस संबंध में अज्ञात कारोबारियों पर मामला दर्ज कर लिया है। बता दें कि इससे पहले भी लगातार ऐसी दवाएं पकड़ी गई थीं, जिनकी रिपोर्ट आ चुकी है। इनमें 50 प्रतिशत दवाएं नकली मिली हैं।
गौरतलब है कि राज्य में हर साल दवा का 900 करोड़ रुपए का कारोबार है। यही वजह है कि नकली दवा माफियाओं के निशाने पर पटना है। शराबबंदी के बाद नींद और नशे की दवाओं का कारोबार 500 गुना बढ़ गया है। सूत्रों की मानें तो इस समय सबसे अधिक नकली दवाएं नशे की आ रही हैं। इसके अलावा महंगी एंटीबायोटिक नकली दवाएं भी बाजार में खपाई जा रही हैं। पटना में कई बार नकली दवाओं की फैक्टरी भी पकड़ी जा चुकी है। इसमें कई प्रतिबंधित दवाएं भी हैं, जो रोक के बाद भी दवा की दुकानों में खपाई जा रही हैं। पटना में ऑक्सीटोसिन का बड़ा कारोबार है। वर्ष 2019 की तरह 2018 में भी पचास से अधिक छापेमारी में पांच नकली दवा बनाने वाली फैक्टरी का खुलासा हुआ था। यहां से कई दवाएं जब्त की गई थीं।
दवा विशेषज्ञ व औषधि निरीक्षक संदीप साह ने बताया कि उन्हें सूचना मिली थी कि उड़ीसा और दिल्ली से दवा की बड़ी खेप पटना आ रही है। मौके पर पहुंचकर पड़ताल की गई। बिना दस्तावेज की कई दवाएं मिली हैं। जांच के लिए नमूने भेजने के साथ थाने में मुकदमा भी दर्ज कराया गया है। जांच में नकली दवाओं के बड़े खुलासे की उम्मीद है।