लॉकडाउन के इन दिनों में स्वस्थ रहना भी एक बड़ी चुनौती है, खासकर तब जब आप थोड़ी आलसी किस्म के हों। ऐसे में हम आपको कुछ ऐसे हेल्थ टिप्स दे रहे हैं, जिनकी बदौलत आप खुद को तंदरुस्त रख सकते हैं। आज हम आपको अपने पेट की ताकत को बढ़ाने की पांच यौगिग क्रियाओं की जानकारी दे रहे हैं। सुबह नित्य क्रिया के बाद इसे करें। इन्हें आप रोज कर सकते हैं।

अजगरी
पैरों को आपस में मिलाकर सीधे खड़े हो जाएं। इस अवस्था को सम अवस्था कहते हैं। सीधे खड़े होना है मगर शरीर को अकड़ाना भी नहीं है। नाक से धीरे-धीरे सांस खींचते हुए पेट को जितना फुला सकते हैं फुलाएं। कुछ सेकेंड इसी तरह से सांस रोकें। फिर नाक से ही धीरे-धीरे सांस छोड़ें और पेट पिचकाते जाएं। पेट को पूरी तरह से भीतर यानी तलाब की तरह बना लें। कुछ सेकेंड यहां भी रुकें। इस क्रिया को 3 से 5 बार कर सकते हैं। जिन्हें उच्च रक्तचाप है वो इसे न करें।

उदर शक्ति विकासक क्रिया 1 
सम अवस्था में खड़े हो जाएं। सीर को जितना पीछे की ओर झुका सकते हैं झुका लें। नाक से तेजी से सांस लें और छोड़ें। सांस लेते हुए पेट फुलाएं और छोड़ते हुए पेट को पिचकाएं। ऐसा करीब 25 बार करें।

उदर शक्ति विकासक क्रिया  2
सम अवस्था में खड़े हो जाएं। मुंह को चिड़िया की चोंच की तरह बना लें व सांस खीचें। इसके बाद ठुड्डी को कंठकूप या यानी गले के निचले भाग से सटा लें। सांस भीतर ही रहेगी। इसे जालंधर बंध भी कहते हैं। गाल फूले रहेंगे और आंखें भी बंद रहेंगी। कुछ सेकेंड रुकने के बाद गर्दन सीधी करें, सामने देखें और नाक से सांस धीरे-धीरे छोड़ें। ध्यान रखें सांस धीरे-धीरे ही छोड़नी है। इसे केवल 5 बार करें। उच्च रक्तचाप वाले इसे  भी न करें।

उदर शक्ति विकासक क्रिया  3
समअवस्था में खड़े हो जाएं। पैरों से कमर तक हिस्सा सीधा रखें। कमर के ऊपर के हिस्से को करीब 60 डिग्री का कोण बनाते हुए झुकें। दोनों हाथ कमर पर ऐसे रहेंगे, कि अंगूठा आगे की ओर रहे तथा चारों अंगुलियां पीछे की ओर रहें। नाक से तेजी से सांस लें और पेट फुलाएं। फिर सांस छोड़ें व पेट पिचकाएं। इसे 25 बार करें। सामान्य गति से करें।

उदर शक्ति विकासक क्रिया 4 
खड़े होने का तरीका चौथी क्रिया जैसा ही रहेगा बस उसमें 60 डिग्री तक झुके थे इसमें 90 डिग्री तक झुक जाएं। नाक से तेजी से सांस लें, पेट फुलाएं। सांस छोड़ें पेट पिचकाएं। इसे 25 बार तक कर सकते हैं। आप इसे सामान्य गति से करें।